मिलावटखोरों पर सीएम योगी का बड़ा ऐलान: चौराहों पर लगेंगी तस्वीरें, नकली दवा कारोबारियों की होगी जड़ से सफाई
– जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ को बताया सामाजिक अपराध, जीरो टॉलरेंस नीति पर बोले मुख्यमंत्री: “समझौता नहीं करेंगे”
लखनऊ, 14 मई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार को “सामाजिक अपराध” करार देते हुए इन पर निर्णायक प्रहार की घोषणा की है। उन्होंने निर्देश दिया कि मिलावटखोरों की पहचान कर उनकी तस्वीरें प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और समाज में उनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए।
मुख्यमंत्री बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दूध, पनीर, घी, तेल और मसालों की जांच सीधे उत्पादक इकाइयों पर ही की जाए। इसके लिए समर्पित टीमें बनाई जाएं जो नियमित निगरानी करें। पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।
12 नए मंडलों में खुलेंगी प्रयोगशालाएं, तीन माइक्रोबायोलॉजी लैब शुरू
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तेजी से विस्तारित हो रहा है। अब अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, कानपुर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और देवीपाटन मंडलों में नई प्रयोगशालाएं शुरू की जा रही हैं। लखनऊ, गोरखपुर और झांसी की पुरानी प्रयोगशालाएं भी उच्चीकृत की गई हैं। वहीं लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में तीन आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब्स की स्थापना हुई है, जिनमें सूक्ष्मजीवों व रोगजनकों की जांच की जा रही है।
नकली दवा माफियाओं पर होगा समन्वित प्रहार
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नकली दवा कारोबार पर नियंत्रण के लिए एफएसडीए और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय बनाया जाए। उन्होंने औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए की जा रही कार्रवाई की समीक्षा भी की और निर्देश दिया कि प्रवर्तन की प्रभावशीलता में कोई कमी न हो।
नमूनों की जांच में अब तकनीक का सहारा
एफएसडीए ने अब नमूना परीक्षण के लिए पासवर्ड-संरक्षित बारकोड प्रणाली लागू की है, जिससे जांच की गोपनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। वैज्ञानिक डिजिटल रिपोर्ट तैयार करते हैं और उच्च अधिकारियों की स्वीकृति के बाद ही परिणाम को मान्यता दी जाती है।
‘फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप’ से अब जनता भी कर सकेगी शिकायत
जनभागीदारी बढ़ाने के लिए एफएसडीए ने मोबाइल ऐप ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ और टोल फ्री नंबर 1800-180-5533 शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शिकायतों का समाधान तब तक अधूरा माना जाए जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट न हो।
स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश और रोजगार के नए अवसर
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि पिछले तीन वर्षों में ₹1,470 करोड़ के निवेश प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं, जिससे 3,340 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। औषधि निर्माण, मेडिकल डिवाइसेज, रक्तकोष और फुटकर दवा विक्रेताओं की संख्या में बड़ी वृद्धि दर्ज हुई है। अकेले फुटकर औषधि प्रतिष्ठानों में 65,000 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने एफएसडीए की संगठनात्मक क्षमता को और मजबूत करने तथा रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती शुरू करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जनता के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।