जिला गौतमबुद्ध नगर में अधिवक्ता परिषद ब्रज इकाई ने दिया ज्ञापन, न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही की उठाई मांग

ग्रेटर नोएडा, 24 अप्रैल — हाल ही में उच्च न्यायपालिका में सामने आई घटनाओं ने एक बार फिर पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इसी संदर्भ में अधिवक्ता परिषद ब्रज, जिला गौतमबुद्ध नगर इकाई ने बुधवार को जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में न्यायपालिका में पारदर्शिता, जवाबदेही एवं संरचनात्मक सुधार की मांग की गई है।

परिषद ने बताया कि 12 और 13 अप्रैल 2025 को आयोजित अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में सर्वसम्मति से न्यायपालिका की जवाबदेही को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव (Resolution) पारित किया गया। उसी के अंतर्गत यह ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया, जिसमें 10 प्रमुख सुझाव और मांगें शामिल हैं।

ज्ञापन में यह स्पष्ट किया गया है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कायम रखते हुए उसके प्रति समाज के प्रति जवाबदेही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए एक स्थायी, पारदर्शी और सत्यापन योग्य तंत्र की आवश्यकता बताई गई है।

मुख्य मांगें निम्नलिखित रहीं:

1. न्यायिक नियुक्तियों और निगरानी की प्रक्रिया के लिए एक नया कानून बनाया जाए जिसमें पारदर्शिता हो और न्यायपालिका की केंद्रीय भूमिका बनी रहे।

2. कानून लागू होने तक कॉलेजियम प्रणाली जारी रहे, परंतु उसमें पूर्व-जांच और पारदर्शिता अनिवार्य की जाए।

3. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक स्थायी समिति का गठन किया जाए जिसमें पूर्व सीजेआई, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हों।

4. जून 2025 से पहले उच्च न्यायपालिका के विरुद्ध लंबित शिकायतों पर सभी रोक हटाई जाए।

5. यदि न्यायाधीश के परिवार के सदस्य संबंधित क्षेत्र में वकालत कर रहे हों, तो न्यायाधीश का स्थानांतरण किया जाए।

6. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के परिवार का कोई सदस्य न्यायाधीश के कार्यकाल के दौरान सर्वोच्च न्यायालय में वकालत न करे।

7. सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति या मध्यस्थता के लिए तीन वर्ष की कूलिंग अवधि तय की जाए।

8. भविष्य में सभी न्यायिक नियुक्तियों में सेवानिवृत्ति की आयु समान हो।

9. न्यायाधीशों एवं उनके परिवार की संपत्ति हर वर्ष न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की जाए।

10. प्रत्येक उच्च न्यायालय में अन्य राज्यों के एक तिहाई न्यायाधीश नियुक्त किए जाएं, जैसा कि न्यायमूर्ति एम.एन. वेंकटचलैया के समय आंशिक रूप से लागू किया गया था।

इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रेम सिंह, जिला अध्यक्ष सुरेश बैसोया, जिला महामंत्री अनुराग त्यागी, एडवोकेट गजेन्द्र, दीपक शर्मा, कपिल नगर, आलोक शर्मा, राजन शर्मा, मुकेश, कविता, अनुराग भाटी समेत अनेक अधिवक्ता परिषद के सदस्य उपस्थित रहे।

अधिवक्ता परिषद के इस ज्ञापन ने न्यायपालिका में सुधार की दिशा में चल रहे विमर्श को और बल दिया है। परिषद का कहना है कि उनका उद्देश्य न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखते हुए उसमें जनता का विश्वास और अधिक सुदृढ़ करना है।

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