उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का कायाकल्प और किशोरियों में माहवारी जागरूकता की नई पहल
- डिजिटल शिक्षा से लैस हो रहे स्कूल, कासना में बालिकाओं को दी गई वैज्ञानिक जानकारी और सैनिटरी पैड
लखनऊ/गौतम बुद्ध नगर, 22 अप्रैल।
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल अब पुराने ढर्रे से निकलकर तकनीक, स्मार्ट क्लासरूम और सामुदायिक भागीदारी से जुड़ते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में चल रही ‘कायाकल्प योजना’ और ‘नव भारत उदय’ जैसे कार्यक्रमों से स्कूलों का चेहरा तेजी से बदल रहा है। स्मार्ट टीवी, कंप्यूटर लैब, साफ-सुथरे भवन और प्रशिक्षित शिक्षक अब सरकारी शिक्षा की पहचान बनते जा रहे हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से निजी और सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर डिजिटल संसाधनों, शिक्षक प्रशिक्षण और भागीदारी आधारित शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जैसे—आईआईटी कानपुर, आईआईटी गांधीनगर, संपर्क फाउंडेशन और डालमिया भारत ग्रुप जैसी संस्थाएं शिक्षा व्यवस्था को मजबूती दे रही हैं। इससे बच्चों को अब स्मार्ट और समावेशी शिक्षा का लाभ मिल रहा है।
कासना स्कूल में माहवारी जागरूकता कार्यशाला
वहीं दूसरी ओर, “पोषण पखवाड़ा-2025” के तहत गौतम बुद्ध नगर के जूनियर हाई स्कूल, कासना में किशोरियों को माहवारी को लेकर वैज्ञानिक जानकारी देने के लिए एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
LECIN संस्था और ICDS विभाग के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों को माहवारी से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों से अवगत कराया गया और आसान भाषा में जैविक प्रक्रिया समझाई गई। कार्यशाला में बच्चों ने खुलकर सवाल पूछे और सही जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के अंत में बालिकाओं को निशुल्क सैनिटरी पैड वितरित किए गए और सभी विद्यार्थियों को छाछ भी दी गई ताकि पोषण और स्वच्छता दोनों का संदेश प्रभावी रूप से पहुंच सके।
प्रशासन की मौजूदगी और सराहना
इस अवसर पर डॉ. नारायण किशोर (MOIC), संध्या सोनी (CDPO), प्रधानाचार्या अनीता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और अन्य स्टाफ सदस्य भी मौजूद रहे।
LECIN संस्था और ICDS की टीम ने सभी सहभागियों और स्कूल प्रशासन का आभार जताया।
यह पहल दर्शाती है कि अब उत्तर प्रदेश में शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन कौशल और स्वास्थ्य जागरूकता का केंद्र भी बन रही है।