डीएम की अध्यक्षता में शुल्क नियामक समिति की बैठक सम्पन्न, मनमानी फीस वसूली और ड्रेस थोपने वाले स्कूलों पर होगी कड़ी कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा, 11 अप्रैल।
जिले के निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए आज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला शुल्क नियामक समिति की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी विद्यालय अभिभावकों को स्कूल परिसर से किताबें, ड्रेस, जूते-मौजे आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने जानकारी दी कि जनपद के कुल 144 विद्यालयों में से 3 स्कूल—अमर पब्लिक स्कूल सेक्टर-37 नोएडा, पारस पब्लिक स्कूल मिल्क लिच्छी, और संत किशोरी विद्या मंदिर सेक्टर-158 नोएडा—ने अनुमन्य सीमा से अधिक फीस वसूली की है। इस पर डीएम ने निर्देश दिए कि इन स्कूलों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब माँगा जाए और अतिरिक्त वसूली गई फीस छात्रों को तत्काल वापस कराई जाए।
इसके अतिरिक्त, 76 विद्यालयों ने इस वर्ष की फीस वृद्धि का कोई विवरण समिति को नहीं सौंपा है। ऐसे स्कूलों पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा और कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में स्पष्टीकरण माँगा जाएगा।
डीएम ने निर्देशित किया कि सभी स्कूल यह जानकारी दें कि वर्ष 2025-26 में उन्होंने अपने शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ के वेतन में कितनी वृद्धि की है। साथ ही, शुल्क में किसी भी प्रकार की बढ़ोत्तरी को 60 दिन पूर्व स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड कर, समिति को सूचित किया जाना अनिवार्य होगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि कोई स्कूल पाँच वर्षों से पहले ड्रेस बदलता है, तो उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने तहसील स्तर पर 7 जांच समितियाँ गठित की हैं, जिनकी अध्यक्षता सिटी मजिस्ट्रेट नोएडा, उपजिलाधिकारी दादरी, सदर, जेवर, तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर वेदप्रकाश पांडेय करेंगे। ये समितियाँ यह सुनिश्चित करेंगी कि कोई भी स्कूल छात्र या अभिभावक को ड्रेस, किताबें या अन्य सामान खरीदने के लिए बाध्य न कर सके।
जिलाधिकारी ने दोहराया कि उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम, 2018 का सख्ती से पालन कराया जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।