फर्जी दस्तावेजों से ऊबर को लाखों का चूना लगाने वाले दो ठग गिरफ्तार, 500 नकली आधार, 21 मोबाइल और कार बरामद
ग्रेटर नोएडा।
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की थाना ईकोटेक प्रथम पुलिस ने सोमवार को साइबर धोखाधड़ी करने वाले दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी उबर एप्लीकेशन पर फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस की मदद से खुद ही ड्राइवर और राइडर बनकर कंपनी को चूना लगा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 500 नकली आधार कार्ड की छायाप्रति, 21 मोबाइल फोन, एक पिट्ठू बैग, एक छोटा प्रिंटर और एक हुंडई आई-10 कार बरामद की है।
गिरफ्तारी घरबरा अंडरपास के पास से की गई। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मौ. उमेर पुत्र नजमुद्दीन निवासी सुंदर नगरी, एल ब्लॉक, एमसीडी फ्लैट, थाना नंद नगरी, दिल्ली (उम्र 26 वर्ष) और मुजफ्फर जमाल पुत्र जाकिर जमाल निवासी विजय पार्क, मोजपुर, थाना भजनपुरा, दिल्ली (उम्र 27 वर्ष) के रूप में हुई है।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी बेहद चालाक तरीके से फर्जी दस्तावेज बनाते थे। पहले एक ही आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को ऑनलाइन ऐप की मदद से एडिट किया जाता था, जिसमें गूगल लेंस की मदद से फोटो बदल दी जाती थी। फिर इन नकली दस्तावेजों से उबर ऐप पर नई-नई ड्राइवर आईडी बनाई जाती थी।
प्रारंभ में ये 8-10 छोटी राइड पूरी करते, जिससे कंपनी का भरोसा जीत लेते। इसके बाद एक लंबी राइड की प्री-बुकिंग कर ओटीपी से फर्जी तरीके से यात्रा दर्ज कर देते और 20-30 किलोमीटर की यात्रा का भुगतान कंपनी से ले लेते, जबकि वास्तव में कोई यात्रा होती ही नहीं थी। जब कंपनी को शक होता और आईडी ब्लॉक होती, तो ये नई फर्जी आईडी बनाकर फिर से वही धोखाधड़ी शुरू कर देते थे।
पंजीकृत अभियोग
इस पूरे मामले में थाना ईकोटेक प्रथम में मु0अ0सं0 45/2025 धारा 338/336(3) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
बरामद सामग्री
फर्जी आधार कार्ड की 500 छायाप्रति
21 मोबाइल फोन
एक पिट्ठू बैग
एक छोटा प्रिंटर
एक हुंडई आई-10 कार (रजिस्ट्रेशन नंबर DL 4CAP 9038)
पुलिस अब आरोपियों के गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और नेटवर्क की तलाश में जुटी है।