महाकुंभ की दिव्यता से अभिभूत देश-विदेश के श्रद्धालु, बोले—आध्यात्मिक चेतना जागृत करने का अद्भुत अवसर
– श्रद्धालुओं ने कहा—त्रिवेणी संगम में डुबकी से जीवन हुआ सफल, अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा का अहसास
– विदेशी सैलानियों को भी मोहा महाकुंभ का दिव्य वातावरण, बोले—दुनिया में कहीं नहीं ऐसा आयोजन
– बर्ड फेस्टिवल ने बढ़ाया विदेशी पर्यटकों का आकर्षण, बोले—मनुष्यों के साथ प्रकृति व जीव-जंतुओं का भी महापर्व
महाकुंभनगर, 19 फरवरी। महाकुंभ-2025 का जादू केवल देश में ही नहीं, विदेशों तक छाया हुआ है। त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने और महाकुंभ मेले के दिव्य आयोजन का साक्षी बनने के लिए लाखों श्रद्धालु निरंतर प्रयागराज पहुंच रहे हैं। विदेशी पर्यटक भी महाकुंभ की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा से अभिभूत नजर आ रहे हैं।
श्रद्धालुओं ने संगम स्नान को अपने जीवन का सबसे पवित्र क्षण बताते हुए कहा कि यहां आकर उन्होंने आत्मिक शांति का अनुभव किया। दिल्ली से आईं मोनिका ने कहा, “यह मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत पल है। इतने लोगों को एक साथ आस्था में लीन देखना अविस्मरणीय अनुभव है।” शीघ्र बंसल ने महाकुंभ को “आउट ऑफ द वर्ल्ड एक्सपीरिएंस” बताते हुए कहा कि यहां की दिव्यता और जनप्रबंधन प्रशंसनीय है।
सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर कुंभ मेला क्षेत्र
स्नानार्थी सुमिता वाही ने बताया कि यहां अपार भीड़ के बावजूद हर ओर सकारात्मक ऊर्जा व्याप्त है। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक और मानसिक शांति प्रदान करने वाला आध्यात्मिक पर्व भी है।”
विदेशी पर्यटकों को भाया बर्ड फेस्टिवल, बताया अद्भुत पहल
विदेश से आए पर्यटकों ने भी महाकुंभ की दिव्यता को न केवल महसूस किया, बल्कि यहां के बर्ड फेस्टिवल में भाग लेकर भारत के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों की सराहना की। यूके से आईं एमा ने कहा, “महाकुंभ केवल मानवता ही नहीं, प्रकृति व जीव-जंतुओं के संरक्षण का भी महापर्व है।” एक अन्य विदेशी सैलानी ने कहा कि बर्ड फेस्टिवल में कंजर्वेशन एक्सपर्ट्स से मिलकर उन्हें यह अहसास हुआ कि भारत जैव विविधता संरक्षण में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जाओं और पर्यावरण संरक्षण की समर्पित सोच ने श्रद्धालुओं व सैलानियों के मन को गहराई तक छू लिया है। यह महापर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि समूची सृष्टि के कल्याण का संदेश देता नजर आ रहा है।