राजपत्रित अधिकारियों ने उठाई समायोजन की मांग

ग्रेटर नोएडा। एक तरफ सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े प्रशासनिक पदों की रिक्तियों पर योग्य अधिकारियों का चयन नहीं कर पा रही है वहीं कुछ विभागों में तमाम ऐसे अधिकारी भरे पड़े है जिनके पास विभिन्न कार्यक्रमों योजनाओं के आने के बाद अब कोई कार्य ही नहीं बचा है सरकार द्वारा इस संदर्भ में विभिन्न विभागों में निष्क्रिय पड़े पदों का व्यौरा मांग रही है ताकि इंहे अन्य विभागों में समायोजित करके उनकी समताओं का सदुपयोग कर सकें ।

कुछ ऐसी ही स्थिति है परिवार कल्याण विभाग में ब्लॉक स्तर पर तैनात स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों की यह अधिकारी लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा चयनित समूह ख के राजपत्रित अधिकारी हैं । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत के बाद तमाम संविदा ठेके पदों पर भर्ती की गई है और अब स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पास कोई कार्य ही नहीं बचा है । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से ही कमोवेश स्वास्थ्य विभाग की सारी योजनाएं संबंधित हो रही है और वहां के अधिकारी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों को अपना कार्मिक स्वीकार करने को तैयार नहीं है प्रमुख प्रमुख सचिव ( स्वास्थ्य ) एवं महानिदेशक ( परिवार कल्याण ) के स्तर से जो आदेश अनेक संदर्भ में आते हैं वह भी निष्प्रभावी रहते हैं ।

इस समय प्रदेश में करीब 600 स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी कार्य कर रहे हैं जिनका चयन भी 10 वर्ष पूर्व हुआ है ऐसे में यदि इस युवा अधिकारी का अन्य विभागों के समान वेतनमान वाले प्रशासनिक पदों पर कर दिया जाए तो निश्चय ही कुछ सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं और उनके समायोजन से सरकार पर वेतन भत्ते के एवज में कोई अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा ।
दर असल स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को अस्वीकार किए जाने से अब विभागों के पुनर्गठन एवं अनुपयोगी पदों को अन्य विभागों से समायोजित करने की नवीन मंसा से अन्य विभागों में समायोजन की मांग कर रहे हैं इसके लिए वे मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव लिखित रुप से अपनी गुहार लगा चुके हैं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जब परिवार कल्याण विभाग में हमारा पद अनुपयोग हो गया है तथा तमाम अन्य विभागों में समान वेतनमान के विभिन्न पद लंबे समय से रिक्त हैं तो इनके सापेक्ष हम लोगों का समायोजन करने में दिक्कत ही क्या है ।

“परिवार कल्याण विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के अधिकारों का हनन किया जा रहा हैं हमारी ऊर्जा का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग को हमारी आवश्यकता नही है इस लिये सभी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी समायोजन चाहते है ।

सुनिता यादव, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पीएचसी बिसरख व महासचिव, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी संघ गौतम बुद्ध नगर
“राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के केंद्रीय गाइड लाइन में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के कार्य एवं दायित्व न होने की स्थिति में अन्य विभाग में समायोजन चाहते है । —साभार: खालिद सैफी

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