फ्यूचरक्राइम समिट 2025 में यूपी पुलिस को मिला साइबर पुलिसिंग में उत्कृष्टता पुरस्कार
नई दिल्ली, 15 फरवरी: उत्तर प्रदेश पुलिस को साइबर अपराधों से निपटने में उसकी सराहनीय भूमिका के लिए फ्यूचरक्राइम समिट 2025 में साइबर पुलिसिंग में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के पूर्व डीजी अरुण कुमार ने यूपी पुलिस की डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव को प्रदान किया। इस दौरान यूपी पुलिस के पूर्व आईपीएस अधिकारी और साइबर अपराध विशेषज्ञ प्रो. त्रिवेणी सिंह भी उपस्थित रहे।
कुंभ मेले में डिजिटल सुरक्षा की सफलता
यूपी पुलिस को यह पुरस्कार खासतौर पर कुंभ मेले में उसकी साइबर गश्त और डिजिटल सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों के लिए मिला। पुलिस ने कुंभ मेले के दौरान फर्जी खबरों, धोखाधड़ी वाले लिंक, फिशिंग और वित्तीय घोटालों पर कड़ी नजर रखते हुए समय रहते उन्हें निष्क्रिय किया। लाखों श्रद्धालुओं की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने चौबीसों घंटे ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखी, जिससे साइबर ठगी को रोकने में बड़ी सफलता मिली।
अन्य पुलिस बलों को भी मिला सम्मान
समिट में केरल पुलिस, हरियाणा पुलिस और इंदौर पुलिस सहित कई अन्य राज्य पुलिस बलों को भी साइबर फॉरेंसिक्स, डिजिटल निगरानी और वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए सम्मानित किया गया। इन पुलिस बलों ने साइबर अपराधों की रोकथाम में अपनी सराहनीय भूमिका निभाई।
साइबर सुरक्षा पर बढ़ी चर्चा
इस दौरान डीसीपी प्रीति यादव ने कहा कि “डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए नई तकनीकों को अपनाना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग बेहद जरूरी है।” समिट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित अपराध, डार्क वेब निगरानी, क्रिप्टोकरेंसी जांच और डिजिटल फॉरेंसिक जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
तकनीकी नवाचार और सहयोग की आवश्यकता
फ्यूचरक्राइम समिट 2025 ने यह संदेश दिया कि साइबर अपराधों से लड़ने के लिए तकनीकी नवाचार, सतर्कता और सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को साइबर अपराधों से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
