जेवर एयरपोर्ट विस्थापन नीति में बदलाव नहीं हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन: राकेश टिकैत
जेवर: किसानों ने उठाई 9 प्रमुख मांगें, चेतावनी – सरकार ने नहीं लिया तो होगा आंदोलन
जेवर। जेवर एयरपोर्ट परियोजना के तहत विस्थापित होने वाले किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने रविवार को नीमका गांव में पंचायत का आयोजन किया। इस पंचायत में 14 प्रभावित गांवों के किसानों ने अपनी समस्याओं और मांगों को प्रमुखता से उठाया। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि विस्थापन नीति में जल्द ही बदलाव नहीं हुआ तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
किसानों ने उठाई 9 प्रमुख मांगें
पंचायत की अध्यक्षता राजे प्रधान (राष्ट्रीय सचिव, BKU) ने की और संचालन राजीव मलिक ने किया। इस बैठक में किसानों ने भूमि अधिग्रहण और विस्थापन को लेकर नौ प्रमुख मांगें सरकार के सामने रखीं, जिनमें प्रमुख हैं:
1. कृषि भूमि के बदले विकसित भूखंड – हर किसान को भूमि अधिग्रहण के बदले 20% विकसित भूखंड दिया जाए, जैसा कि प्रधानमंत्री ने “मन की बात” कार्यक्रम में कहा था।
2. उचित मुआवजा – गौतम बुद्ध नगर औद्योगिक क्षेत्र के अनुसार सर्किल रेट संशोधित कर भूमि अधिग्रहण कानून के तहत उचित मुआवजा दिया जाए।
3. नीमका-खाजपुर, थोरा का विस्थापन रोका जाए – SIA सर्वे टीम की रिपोर्ट के आधार पर इन गांवों का विस्थापन न किया जाए।
4. प्लॉट की सीमा बढ़ाई जाए – किसानों को 100 मीटर से लेकर 1000 मीटर तक का प्लॉट आवंटित किया जाए।
5. आवासीय भूमि का सही मुआवजा – मुआवजा में कमी को दूर किया जाए।
6. मकानों की सही कीमत तय हो – मकानों का उचित मूल्यांकन किया जाए।
7. बेरोजगारों के लिए नौकरी या आर्थिक मदद – विस्थापित परिवारों के योग्य बेरोजगारों को नौकरी या ₹30 लाख की आर्थिक मदद दी जाए।
8. भूमिहीन मजदूरों को मुआवजा – भूमिहीन मजदूरों को ₹20 लाख या परिवार के मुखिया को ₹50 लाख का मुआवजा दिया जाए।
9. नाबालिग बच्चों को समान अधिकार – नाबालिग बच्चों को भी मुआवजा और पुनर्वास का समान अधिकार मिले।
अधिकारियों से वार्ता और मार्च में उच्चस्तरीय बैठक
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि विस्थापितों को नई जगह पर बुनियादी सुविधाएं जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, स्कूल, हॉस्पिटल, तालाब आदि मिलनी चाहिए। यदि सरकार इन मांगों पर गौर नहीं करती है तो किसानों का आंदोलन तेज हो सकता है। पंचायत में ADM प्रशासन बच्चू सिंह, OSD शैलेंद्र सिंह और उपजिलाधिकारी अभय सिंह से वार्ता की गई। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मार्च के पहले सप्ताह में उच्च अधिकारियों से वार्ता कराई जाएगी।
किसानों का आक्रोश
पंचायत में सैकड़ों किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और सरकार की विस्थापन नीति के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। किसान नेताओं ने कहा कि यदि जल्द ही सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।