भागीदारी साहित्य उत्सव ने वंचित वर्ग के उत्थान में छेड़ी नई राह, यूपी सरकार की पहल से बढ़ेगा सामाजिक समावेश
लखनऊ, 10 फरवरी: उत्तर प्रदेश सरकार ने समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके उत्थान के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। समाज कल्याण विभाग और मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट के सहयोग से लखनऊ में संपन्न हुए दो दिवसीय “भागीदारी साहित्य उत्सव” ने वंचित समाज के उत्थान की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्गों के अधिकारों, उनकी भागीदारी और समावेशी विकास को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में प्रतिष्ठित साहित्यकारों, समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों के गणमान्यों ने भाग लिया और साहित्य, कला और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन पर मंथन किया।
उत्सव के दौरान “वंचित वर्ग की बुलंद आवाज” विषय पर आयोजित चर्चा ने समाज के वंचित तबके से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। साहित्यकारों ने दलित साहित्य की प्रासंगिकता और सामाजिक प्रभावों पर चर्चा की, साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भागीदारी मॉडल की सराहना की। इसके अलावा, साहित्य को सामाजिक परिवर्तन का सशक्त उपकरण मानते हुए कई पुस्तकों पर विमर्श हुआ।
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने सरकार की सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा, “डबल इंजन की सरकार समाज के हर वंचित वर्ग को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी उत्सव में जोश और रचनात्मकता का संचार किया। भगवान बिरसा मुंडा को समर्पित नुक्कड़ नाटक ने आदिवासी समाज के संघर्ष और योगदान को उजागर किया, वहीं झुग्गी बस्तियों के युवाओं द्वारा आयोजित रैंप वॉक ने भी चर्चा का केंद्र बना।
इस कार्यक्रम ने साहित्य, शिक्षा और कला के माध्यम से वंचित वर्गों के प्रति जागरूकता फैलाने और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह प्रयास उत्तर प्रदेश को समावेशी और सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम साबित हुआ है।