फैमिली डिस्प्यूट रेजोल्यूशन क्लिनिक (FDRC) की पहली वर्षगांठ मनाई गई, कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने ‘ऑपरेशन अपराजिता’ की घोषणा की
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने ‘ऑपरेशन अपराजिता’ लॉन्च किया, जिसके तहत नाबालिग रेप पीड़िताओं और उनके परिवारों को साइकोलॉजिकल और कानूनी सहायता दी जाएगी, ताकि वे भयमुक्त होकर सामान्य जीवन जी सकें।
FDRC के वार्षिक दिवस पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने किया सम्मान, ऑपरेशन ‘अपराजिता’ की घोषणा
नोएडा: गौतमबुद्धनगर पुलिस और एमिटी यूनिवर्सिटी के संयुक्त प्रयास से पारिवारिक विवादों के समाधान के लिए स्थापित फैमिली डिस्प्यूट रेजोल्यूशन क्लिनिक (FDRC) का प्रथम वार्षिक दिवस एमिटी यूनिवर्सिटी में मनाया गया। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह मुख्य अतिथि रहीं और उन्होंने FDRC सेक्टर-108 की टीम को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया।
FDRC: परिवारों को टूटने से बचाने की अनूठी पहल
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि आज के दौर में छोटे-छोटे विवाद बड़े झगड़ों का रूप ले लेते हैं, जिससे परिवार बिखर जाते हैं। FDRC की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई है कि काउंसलिंग और मध्यस्थता के जरिए रिश्तों को टूटने से बचाया जा सके। इस केंद्र में मनोविज्ञान और कानून के विशेषज्ञों की टीम मौजूद रहती है, जो पीड़ित परिवारों को उचित परामर्श और समाधान प्रदान करती है।
FDRC की सफलता: 2024 में 207 मामलों में से 169 का सफल समाधान
पिछले वर्ष FDRC सेक्टर-108 एवं महिला सुरक्षा टीम को 207 पारिवारिक विवादों से जुड़े मामले प्राप्त हुए, जिनमें से 169 मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया। केवल 11 मामलों में ही FIR दर्ज करनी पड़ी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह मॉडल पुलिसिंग और काउंसलिंग के जरिए सामाजिक स्थिरता लाने में सफल रहा है।
Social Wellness Centre की शुरुआत
FDRC में सुलझाए गए मामलों में रिश्तों को बनाए रखने के लिए शुरुआती सहायता भी आवश्यक होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए एमिटी यूनिवर्सिटी में एक ‘सोशल वेलनेस सेंटर’ लॉन्च किया गया है। यहां FDRC के माध्यम से मध्यस्थता कराए गए सफल मामलों में साइकोलॉजिकल सपोर्ट और गाइडेंस दी जाएगी ताकि परिवारों को भविष्य में भी मानसिक और भावनात्मक सहयोग मिलता रहे।
ऑपरेशन ‘अपराजिता’ की हुई घोषणा
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने इस कार्यक्रम के दौरान गौतमबुद्धनगर में ऑपरेशन ‘अपराजिता’ संचालित करने की घोषणा की। इसके तहत 18 वर्ष से कम उम्र की रेप पीड़िताओं और उनके परिवारों को काउंसलिंग और कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य पीड़िताओं के मन से भय को निकालकर उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करना है।
‘अपराजिता’ के जरिए मिलेगी साइकोलॉजिकल और कानूनी सहायता
इस अभियान के तहत प्रोफेशनल काउंसलर्स और मनोवैज्ञानिकों की मदद ली जाएगी ताकि पीड़िताओं को एक सुरक्षित माहौल में मानसिक समर्थन दिया जा सके। साथ ही, आरोपियों को जेल भेजने और उन्हें सजा दिलाने के लिए पुलिस सख्त कार्रवाई जारी रखेगी।
कार्यक्रम में शामिल हुए कई गणमान्य लोग
इस मौके पर पुलिस विभाग से पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, पुलिस उपायुक्त नोएडा रामबदन सिंह, पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा सुनीति सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, एमिटी यूनिवर्सिटी से वाइस चांसलर डॉ. बलविंदर शुक्ला, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन प्रो. डॉ. डी.के. बंद्योपाध्याय, काउंसलर, फैकल्टी मेंबर्स, RWA प्रतिनिधि, ग्राम प्रधान और विभिन्न NGO के सदस्य भी उपस्थित रहे।
समाज में स्थिरता और सुरक्षा की ओर एक मजबूत कदम
FDRC और ऑपरेशन ‘अपराजिता’ जैसी पहलें गौतमबुद्धनगर पुलिस की समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। पारिवारिक विवादों को सुलझाने के साथ-साथ पीड़िताओं को न्याय दिलाने और उनके पुनर्वास में मदद करने के लिए यह प्रयास समाज में शांति और स्थिरता बनाए रखने में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।