पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जी दस्तावेज का खुलासा, 7 अभ्यर्थी गिरफ्तार
ग्रेटर नोएडा। थाना इकोटेक-3 पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी सीधी भर्ती-2023 की डीवीपीएसटी परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाले सात अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी फर्जी स्वतंत्रता सेनानी प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षण का लाभ लेने की कोशिश कर रहे थे।
भर्ती में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
31 जनवरी 2025 को गौतमबुद्ध नगर की रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस भर्ती की डीवीपीएसटी प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान सात अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वतंत्रता सेनानी प्रमाण पत्रों की जांच की गई। संदेह होने पर बोर्ड ने संबंधित जनपदों से प्रमाण पत्रों की पुष्टि कराई, जिससे पता चला कि ये प्रमाण पत्र असली नहीं थे और सरकारी कार्यालयों से जारी नहीं किए गए थे।
गहन पूछताछ में सभी अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम और पते:
- सुमित पुत्र सुनील सिंह, ग्राम समसपुर, तहसील खुर्जा, जिला बुलंदशहर (21 वर्ष)
- राहुल सिंह पुत्र सुरेंद्र सिंह, ग्राम शाहपुर कलां, तहसील खुर्जा, जिला बुलंदशहर (27 वर्ष)
- विजय कुमार पुत्र लोकेन्द्र सिंह, ग्राम खखुड़ा, तहसील शिकारपुर, जिला बुलंदशहर (29 वर्ष)
- अकील खां पुत्र भिट्टू खां, ग्राम मैना, पोस्ट खुर्जा, तहसील खुर्जा, जिला बुलंदशहर (27 वर्ष)
- मनीष कुमार पुत्र श्यौराज सिंह, ग्राम मुरली नंगला, पोस्ट सरावा, तहसील शिकारपुर, जिला बुलंदशहर (28 वर्ष)
- रामकुमार सिंह पुत्र गजेन्द्र सिंह, बापूनगर, खुर्जा जंक्शन, जिला बुलंदशहर (29 वर्ष)
- पवन कुमार पुत्र ज्वाला सिंह, ग्राम मुबारिकपुर, तहसील खुर्जा, जिला बुलंदशहर (27 वर्ष)
अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज मुकदमे
गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना इकोटेक-3 में विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। सभी अभियुक्तों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) तथा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश 2024 की धारा 13 के तहत केस दर्ज किया गया है।
बरामदगी:
पुलिस ने 7 फर्जी स्वतंत्रता सेनानी प्रमाण पत्र जब्त किए हैं, जिनका इस्तेमाल आरोपी भर्ती परीक्षा में करने जा रहे थे।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इन फर्जी प्रमाण पत्रों को तैयार करने में कौन-कौन शामिल था और क्या इस गिरोह में कोई अन्य व्यक्ति भी संलिप्त है।