महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं की आस्था ने तोड़ा रिकॉर्ड, स्नान करने वालों का आंकड़ा 15 करोड़ के पार
प्रयागराज, 28 जनवरी महाकुंभ 2025 ने अपनी भव्यता और श्रद्धालुओं की आस्था के कारण एक नया इतिहास रच दिया है। अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया है। महाकुंभ के इतिहास में यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर इस धार्मिक मेले को अविस्मरणीय बना दिया है।
मकर संक्रांति का दिन इस बार विशेष रूप से ऐतिहासिक था, जब 3.5 करोड़ श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचे और अमृत स्नान किया। यह दृश्य पूरी दुनिया के लिए भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन गया। मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों संतों और कल्पवासियों ने भी इस अवसर का लाभ उठाया, और यह दिन महाकुंभ के सबसे व्यस्त दिनों में से एक बन गया।
अब महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का जनसैलाब और बढ़ने की उम्मीद है, खासकर आगामी मौनी अमावस्या पर। प्रशासन का अनुमान है कि इस दिन श्रद्धालुओं की संख्या 8 से 10 करोड़ तक पहुंच सकती है। ऐसे में प्रशासन ने पहले से ही व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोपरि रखा जा रहा है। पंडालों, पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद की गई है। प्रत्येक क्षेत्र में पुलिस बल तैनात हैं और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, संगम के आसपास और मेल क्षेत्र में यातायात व्यवस्था और अन्य जरूरी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
महाकुंभ 2025 न केवल भक्ति का महोत्सव है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण भी पेश कर रहा है। इस मेले में श्रद्धालु अपनी आस्था और समर्पण के साथ भाग ले रहे हैं, और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना बन चुका है।