डॉ. विनोद “प्रसून” ने की मॉरीशस के विश्व हिंदी सचिवालय के “अभिव्यक्ति” कार्यक्रम की अध्यक्षता, हिंदी शिक्षण में लयात्मक नवाचार की आवश्यकता पर जोर
डॉ. विनोद “प्रसून” ने कहा- वैश्विक स्तर पर हिंदी को आगे बढ़ाने में विश्व हिंदी सचिवालय के प्रयास अनुकरणीय
महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी के आमंत्रण पर 20 जनवरी को डॉ. विनोद ‘प्रसून’ ने मॉरीशस स्थित विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित “अभिव्यक्ति” कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के वक्ताओं ने अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिनमें अमेरिका, उज़्बेकिस्तान, भारत, बुल्गारिया, बहरीन और तंजानिया से जुड़े प्रतिभागी शामिल थे।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. विनोद ‘प्रसून’ ने हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार में विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस के योगदान को सराहा। उन्होंने भाषा विज्ञान के शिक्षण में लयात्मक नवाचार और अवधारणा गीतों के सृजन की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. प्रसून ने हिंदी की वर्णमाला को मधुर गीतों के रूप में सिखाने की आवश्यकता जताई और अपने प्रसिद्ध हिंदी गीत “सरस, सरल मनोहारी है, अपनी हिंदी प्यारी है” के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं को हिंदी के प्रति प्रेम और सम्मान से परिचित कराया।
कार्यक्रम में उज़्बेकिस्तान और बहरीन से भी वक्ताओं ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। इस आयोजन का संचालन वरिष्ठ सहायक संपादक प्रकाशवीर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शुभंकर मिश्र ने प्रस्तुत किया।