महाकुंभ और धार्मिक पर्यटन से प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को होगा लाभ
लखनऊ: कारोबार और रोजगार एक-दूसरे के पूरक होते हैं। जैसे ही कारोबार बढ़ता है, रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ इसका बेहतरीन उदाहरण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होंगे, जो लगभग दो लाख करोड़ रुपए का कारोबार करेंगे। इसमें से एक बड़ा हिस्सा सरकार को टैक्स के रूप में मिलेगा और देश की जीडीपी में भी 0.03 प्रतिशत का योगदान होगा।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
महाकुंभ के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर, लाजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्टेशन, हॉस्पिटैलिटी और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान 6 से 10 लाख अस्थाई रोजगार सृजित होंगे। स्थानीय दुकानदारों, श्रद्धालु सेवा से जुड़ी दुकानों और छोटे कारोबारियों को भी लाभ होगा।
काशी और अयोध्या की अर्थव्यवस्था में भी उछाल
महाकुंभ के साथ-साथ काशी और अयोध्या में भी पर्यटन के चलते अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा हुआ है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के बाद काशी में 10 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिससे स्थानीय कारोबार में वृद्धि हुई। वहीं, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
समग्र विकास का उदाहरण
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक काशी, अयोध्या और विंध्याचल जैसे धार्मिक स्थलों की ओर भी रुख करेंगे। इससे इन स्थलों पर भी पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे प्रदेश की समग्र अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।