चंद्रग्रहण: 150 साल बाद दुनिया ने देखा अनोखा चाँद
नई दिल्ली : इस वर्ष 2018 का पहला चंद्रग्रहण आज दिखाई दिया। यह घटना इसलिए भी खास है कि इस बार का चंद्रग्रहण तीन रंगों में नजर आया। खगोल शास्त्रियों के मुताबिक महीने में दूसरी पूर्णिमा और चंद्रग्रहण के साथ ब्लू मून के दिखने की घटना 150 साल में पहली बार हुई है। लोगों के बीच इसे लेकर काफी उत्सुकता देखी गई। वहीं, चंद्रग्रहण की अवधि के दौरान देशभर के मंदिरों के कपाट भी बंद रखे गए। पूर्ण चंद्रग्रहण (सुपर मून) की अवधि 77 मिनट रही।
चंद्रग्रहण के दुर्लभ नजारे को बहुत से लोगों ने अपने कैमरे में कैद किया। चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल दिखता है जिसे ब्लड मून या रक्तिम चांद कहा जाता है। चंद्रग्रहण शाम 4.21 बजे शुरू हुआ, जब चांद ने पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया। शाम 6.21 बजे पृथ्वी की छाया चांद पर नजर आई, जिसकी वजह से अंधेरा छा गया। इस दौरान सुपर मून, ब्लड मून और ब्लू मून देखा गया। शाम को 7.30 बजे के बाद रक्तिम चांद (ब्लड मून) नजर आया। इसके बाद आकाश में ब्लू मून का अनोखा नजारा दिखा।
अब 10 साल बाद दिखेगा ‘नीला चांद’
मुंबई में ग्रहण के दौरान आसमान में ब्लड मून दिखा। वहीं, दिल्ली में भी ब्लू मून की अनूठी खगोलीय घटना के लोग गवाह बने। पूर्वोत्तर के राज्य असम की राजधानी गुवाहाटी में चंद्रग्रहण देखा गया। पंजाब के लुधियाना शहर में भी ब्लू, ब्लड और सुपर मून को लेकर लोगों के बीच दिलचस्पी नजर आई। अगली बार नीला चांद 31 दिसंबर 2028 को, जबकि 31 जनवरी 2037 को एक बार फिर ब्लू मून दिखेगा। दोनों ही बार पूर्ण चंद्रग्रहण रहेगा।
चंद्रग्रहण पर गंगा के घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी। वाराणसी के मशहूर दशाश्वमेध घाट पर ग्रहण से पहले हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। ग्रहण की अवधि समाप्त होने पर रात में 9 बजे के बाद काशी में गंगा आरती हुई। दशाश्वमेध घाट पर ग्रहण से पहले हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
भारत की सिलिकन वैली कहे जाने वाले शहर बेंगलुरु में बुधवार को हजारों लोग सुपर ब्लू मून की झलक पाने को बेताब दिखे। इस साल जनवरी में ही दूसरी बार चांद धरती से सबसे नजदीक है। जाहिर है कि यह नीला चांद आकार में सामान्य से बड़ा होगा। कोलकाता शहर में चंद्रग्रहण पर अद्भुत नजारा दिखा।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से भी आंशिक चंद्रग्रहण की तस्वीरें आईं हैं। इस चांद का दीदार करने के लिए बेंगलुरु के नेहरू ताराघर में खास तैयारी की गई है। लोग बुधवार की शाम 6.21 बजे से 7.37 बजे के बीच चंद्रग्रहण की इस विशेष आकाशीय घटना को देखने के लिए लोग वहां जुटे हुए हैं।
देश के अलग-अलग शहरों से लगातार चंद्रग्रहण की तस्वीरें आ रही हैं। हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा स्नान के लिए लोगों का हुजूम देखा गया। वहीं, राजस्थान की राजधानी जयपुर और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भी चंद्रग्रहण देखा गया। इसके अलावा चेन्नई में भी चंद्रग्रहण पर अनूठा नजारा दिखा।
नेहरू ताराघर के निदेशक प्रमोद जी. गलगली ने कहा, ‘इस चंद्रग्रहण की खासियत है कि इस बार चांद आकार में सामान्य से बड़ा दिखेगा और इस महीने की दूसरी पूर्णमासी का यह नीला चांद और रक्तिम चांद (चंद्रग्रहण के दौरान दिखने वाला चांद) सब एक साथ संयोग से होगा।’ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में चंद्रग्रहण के दौरान सुपर, ब्लू और ब्लड मून के रूप में एक साथ हो रही अनूठी खगोलीय घटना का गवाह बनने के लिए लोग इकट्ठा हुए।
1982 में दिखा था ऐसा चंद्रग्रहण
निदेशक ने बताया कि नंगी आंखों से भी चंद्रग्रहण देखना बिल्कुल सुरक्षित है। इससे पहले ऐसा चंद्रग्रहण 1982 में दिखा था जब नीला चांद और पूर्ण चंद्रग्रहण एक साथ भारत में दिखा था। गलगली ने बताया कि चांद जब अपनी कक्षा में पृथ्वी से सबसे नजदीक होता है तो सामान्य से 10 फीसदी ज्यादा बड़ा दिखता है। इसे सुपर मून कहते हैं और पूर्णमासी का चांद ब्लू मून यानी नीला चांद कहलाता है।