फर्जी दस्तावेजों के सहारे भर्ती में शामिल आरक्षी और उसके तीन साथी गिरफ्तार
गौतमबुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों के जरिए शामिल होने का प्रयास करने वाले एक आरक्षी और उसके तीन सहयोगियों को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पीएसी वाराणसी में तैनात है, जिसे 1 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जबकि उसके तीन अन्य साथियों की गिरफ्तारी 3 जनवरी को हुई।
धोखाधड़ी का पर्दाफाश:
गौतमबुद्ध नगर के रिजर्व पुलिस लाइन में उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी सीधी भर्ती 2023 के दस्तावेज़ सत्यापन (डीवी) और शारीरिक मानक परीक्षण (पीएसटी) प्रक्रिया के दौरान 30 दिसंबर को एक अभ्यर्थी अभय सिंह पुत्र वीरपाल सिंह निवासी नहाली, थाना सरधना, मेरठ के नाम से शामिल हुआ। दस्तावेजों की गहन जांच में यह सामने आया कि अभ्यर्थी ने अपना नाम और जन्मतिथि बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।
वास्तविक पहचान का खुलासा:
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसका असली नाम अरविंद कुमार पुत्र वीरपाल सिंह है। वह मेरठ का रहने वाला है और वर्तमान में पीएसी की 36वीं वाहिनी, वाराणसी में आरक्षी के पद पर तैनात है। इस धोखाधड़ी के संबंध में थाना ईकोटेक-3 में मुकदमा दर्ज किया गया।
तीन अन्य साथी भी गिरफ्तार:
अरविंद कुमार के साथ इस षड्यंत्र में शामिल तीन अन्य आरोपी, विशाल सोम पुत्र वीरपाल सिंह, तुषार पुत्र वीर सिंह, और अंकित पुत्र सिद्ध पाल सिंह को पुलिस ने 3 जनवरी की शाम गिरफ्तार किया। चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पुलिस का बयान:
पुलिस मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस तरह की धोखाधड़ी से भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी पकड़ा जा सके।
फर्जीवाड़े पर कार्रवाई:
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस घटना से स्पष्ट संदेश दिया है कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।