योगी सरकार का ऐतिहासिक कदम, महाकुम्भ से पहले प्रयागराज नगर निगम भवन का हो रहा है संरक्षण
महाकुम्भ नगर, 30 दिसंबर:
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महाकुम्भ के भव्य आयोजन से पहले प्रयागराज की प्राचीन धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन करने में जुटी है। जनवरी 2025 में होने वाले महाकुम्भ को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विशेष रूप देने के साथ-साथ कुम्भ नगरी की ऐतिहासिक धरोहरों को भी सुरक्षित किया जा रहा है।
प्रयागराज नगर निगम का 150 साल पुराना ऐतिहासिक भवन भी इस संरक्षण कार्य का हिस्सा है। ब्रिटिशकाल में सन् 1865 में निर्मित “ग्रेट नॉर्दर्न” होटल को अब नगर निगम कार्यालय के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इस 150 साल पुराने भवन का जीर्णोद्धार 9 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, जिसे महाकुम्भ से पहले पूरा किया जाएगा। नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग के अनुसार, यह भवन प्रयागराज की धरोहर है, और इसे संरक्षित रखना नगर निगम की पहल है।
इस भवन में पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और बुद्धिजीवी समाज की बैठकें होती थीं, और 1930 के दशक में इसे ब्रिटिश सरकार ने प्रशासनिक भवन में तब्दील कर दिया था। दिसंबर 2020 में भवन की छत गिरने के बाद, इसको फिर से जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए पुरातत्व विभाग से परामर्श लिया गया और एएसआई, एमएनआईटी प्रयागराज तथा आईआईटी मुंबई से सलाह ली गई।
जीर्णोद्धार के दौरान ईको-फ्रेंडली सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे कि गुड़, दाल, और मेथी के मिश्रण से दीवार बनाई जा रही है। इस प्रक्रिया से भवन का तापमान प्राकृतिक रूप से ठंडा रहेगा और पर्यावरण के अनुकूल होगा। सवानी हेरिटेज कंपनी इस कार्य को अंजाम दे रही है, और दिसंबर के अंत तक इसे पूरा करने की उम्मीद है।
महाकुम्भ में आने वाले पर्यटक इस ऐतिहासिक भवन को नए रूप में देख सकेंगे, जो प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर को न सिर्फ संरक्षित करेगा, बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जीवित रखेगा।
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