योग और स्वास्थ्य : शक्ति बन्ध समूह के योगाभ्यास , बता रहे हैं योग गुरु ऋषि वशिष्ठ
☀योग और स्वास्थ्य ☀
☀ शक्ति बन्ध समूह के योगाभ्यास ☀
अभ्यास – 1
स्कन्द चालन एवं वक्ष स्थल शक्ति विकासक :-
जमीन पर बैठ जायें, पैरों को सीधा एवं एक साथ रखें। आँखें खुली रखें।
कल्पना करें कि शरीर के सामने एक रस्सी लटक रही है।
श्वास अन्दर लेते हुए दाहिना हाथ उठाकर, लटकती हुई रस्सी को जितनी ऊँचाई से सम्भव हो, पकड़ें। कोहनी को ऊपर की ओर देखें। सीधा रखें।
श्वास छोड़ते हुए दाहिनी भुजा को नीचे लायें और ऐसा अनुभव करें कि आप रस्सी को पूरे बल के साथ नीचे खींच रहे हैं। दृष्टि को हाथ की गति के साथ धीरे-धीरे नीचे लायें।
बायें हाथ से इसकी पुनरावृत्ति करते हुए एक चक्र पूरा करें।
दोनों भुजाओं को एक साथ गतिमान न करें।
10 चक्र अभ्यास करें।
श्वसन-
भुजा को ऊपर उठाते समय श्वास लें।
भुजा को नीचे लाते समय श्वास छोड़ें।
सजगता –
श्वास, गति और पीठ के ऊपरी भाग एवं स्कन्ध-पेशियों के खिंचाव पर।
लाभ-
यह आसन स्कन्ध-सन्धियों को लचीला बनाता और पीठ के ऊपरी भाग की पेशियों में खिंचाव उत्पन्न करता है। यह वक्ष को सुदृढ़ बनाता और वक्ष की पेशियों को पुष्ट करता है।
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