महाकुंभ 2025 के लिए तेजी से हो रहा पांटून पुलों का निर्माण, पीएम मोदी के आगमन से पहले पूरा होगा कार्य
प्रयागराज, 30 नवंबर: महाकुंभ 2025 के लिए पांटून पुलों का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर को प्रयागराज आगमन से पहले पीडब्ल्यूडी की टीम सभी पुलों का निर्माण कार्य निर्धारित तिथि तक पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। फिलहाल, 5 पांटून पुलों को क्रियाशील कर दिया गया है, जबकि 3 दिसंबर तक कुल 9 पुलों को क्रियाशील कर दिया जाएगा। 10 दिसंबर तक कुल 19 पुलों को पूरा कर लिया जाएगा और सभी पुलों का संचालन शुरू हो जाएगा। शेष 11 पुलों का निर्माण कार्य ड्रेजिंग के बाद शुरू हो जाएगा।
पुलों का निर्माण कार्य और लक्ष्य
प्रयागराज पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर ए.के. द्विवेदी ने बताया कि सभी पुलों का निर्माण कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन पुलों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि अब तक 5 पांटून पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है और इन्हें उपयोग के लिए खोल दिया गया है। 3 दिसंबर तक इन 5 पुलों को जोड़कर कुल 9 पुलों को क्रियाशील कर दिया जाएगा। 10 दिसंबर तक कुल 19 पांटून पुलों को पूरी तरह से संचालित कर दिया जाएगा। शेष 11 पुलों का निर्माण कार्य भी ड्रेजिंग के बाद जल्द शुरू होगा और तेजी से पूरा किया जाएगा।
पांटून पुलों का उपयोग और उनकी सुरक्षा
प्रयागराज में जो पांटून पुल बनाए जा रहे हैं, वे 5 टन तक का भार सहन करने में सक्षम हैं। यह पुल पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित हैं और इनका डिज़ाइन इस तरह से किया गया है कि ये भारी संख्या में श्रद्धालुओं को एक साथ पार कराने में सक्षम हैं। इन पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर पुल को विभिन्न टेस्टिंग प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही क्रियाशील किया जाता है।
महाकुंभ के लिए इस बार अब तक की सबसे बड़ी संख्या, यानी 30 पांटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इन पुलों को विभिन्न स्थानों पर यातायात और अखाड़ों को जोड़ने के लिए स्थापित किया जा रहा है। इस पहल से न केवल महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम होगी, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों और साधु-संतों के लिए भी यह पुल बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।
वर्तमान में क्रियाशील पुल
इस समय हरिश्चंद्र, ओल्ड जीटी उत्तरी, चक्र माधव, गांगुली शिवाला रोड, और रेल से झूसी पुलों को क्रियाशील कर दिया गया है। इन पुलों का इस्तेमाल स्थानीय लोग, साधु-संत और प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं। यह पुल विशेष रूप से झूसी क्षेत्र में बनने वाले अखाड़े को परेड क्षेत्र से जोड़ने में मदद करेंगे, जिससे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।
आगे का कार्य
पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ड्रेजिंग का कार्य पूरा होने के बाद शेष 11 पुलों का निर्माण युद्धस्तर पर करेंगे, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले सभी पुलों का कार्य पूर्ण हो सके और महाकुंभ में श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
महाकुंभ के लिए इस बार किए जा रहे 30 पांटून पुलों के निर्माण कार्य की गति और गुणवत्ता, दोनों ही दृष्टियों से एक मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। यह पुल न केवल महाकुंभ के आयोजन को सुगम बना रहे हैं, बल्कि आगामी वर्षों में भी इनका उपयोग स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए किया जाएगा।
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