ईशान इंस्टीट्यूट में यजुर्वेद पारायण महायज्ञ संपन्न, दान और कर्म के महत्व पर हुआ मंथन
ग्रेटर नोएडा, 30 नवंबर – ईशान इंस्टीट्यूट में आयोजित पांच दिवसीय यजुर्वेद पारायण महायज्ञ का समापन आचार्य सोमदेव के प्रेरणादायक उपदेश और वैदिक क्रियाकर्म के साथ हुआ। आचार्य ने अपने प्रवचनों में यक्ष और युधिष्ठिर के संवाद का उल्लेख करते हुए जीवन के मूलभूत सिद्धांतों को सरलता से समझाया।
उन्होंने कहा, “पृथ्वी से भारी मां होती है, स्वर्ग से ऊंचा पिता होता है और मनुष्य का दिमाग हवा से भी तेज चलता है। जन्म और मृत्यु हमारे कर्मों का फल हैं।” दान की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा, “दान हमेशा जरूरतमंदों को दिया जाना चाहिए और इसके पीछे जन कल्याण और प्राणी रक्षा की भावना होनी चाहिए।”
आचार्य सोमदेव ने यह भी बताया कि इस महायज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है और वेद की ऋचाओं को जानने का अवसर मिलता है। यह यज्ञ विद्यार्थियों में सांस्कृतिक, सामाजिक और सौहार्द की भावना को प्रोत्साहित करता है।
समापन समारोह में संस्था के संस्थापक डॉ. डी.के. गर्ग ने उपस्थित शिक्षकों और छात्रों को शुभकामनाएं दीं। वैदिक क्रियाओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन प्रमाण पत्र वितरित किए गए। उन्होंने कहा, “ऐसे आयोजन छात्रों में आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, जो उनके शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास में सहायक सिद्ध होते हैं।”
इस महायज्ञ का उद्देश्य शांति, समृद्धि और सद्भाव का संदेश देना था। ईशान इंस्टीट्यूट ने यह आयोजन छात्रों को नैतिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त करने और समाज के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराने के लिए किया।