दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, संसद घेराव की चेतावनी, प्रशासन सतर्क, धारा 166 भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता लगाया
ग्रेटर नोएडा। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न संगठनों और गांवों के किसान 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। आज यमुना प्राधिकरण के धरना स्थल पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने एकजुट होकर कहा कि आगामी 2 दिसंबर को वह दिल्ली की और कुछ करेंगे सुबह वह पैदल ही नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर पैदल मार्च करते हुए पहुंचेंगे वहीं पर अन्य संगठन के किस भी जुड़ेंगे और वहां से वह संसद भवन की ओर दिल्ली की और कुछ करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं में पवन खटाना, सुखवीर खलीफा, जितेन्द्र चौधरी, सुनील फौजी, श्यामाबीर नागर, डा. विकास प्रधान, डा. रूपेश वर्मा, अंशुमन , सतीश कनारसी, हरवीर नागर शामिल हुए।
बता दें किसान यमुना प्राधिकरण पर धरना देकर अपनी समस्याओं के समाधान की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी आवाज को अनसुना कर रहा है।
संसद घेराव की चेतावनी
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वे दिल्ली में संसद का घेराव करेंगे। उनकी प्रमुख मांगें मुआवजा, जमीन अधिग्रहण से जुड़ी अनियमितताएं, और तीनों प्राधिकरण की नीतियों में पारदर्शिता की हैं।
प्रशासन सतर्क, धारा 166 (BNSS) लागू
दिल्ली कूच और धरना प्रदर्शन के मद्देनजर प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए 2 दिसंबर 2024 को जिले में धारा 166 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू कर दी है। यह आदेश 1 दिन के लिए प्रभावी रहेगा। पुलिस और प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
क्या है किसानों की मांग?
किसानों का कहना है कि यमुना प्राधिकरण उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है। खासकर अधिग्रहित भूमि का 10% विकसित जमीन और 64.7 % मुआवजा की मांग किसान करते चले आ रहे हैं। वर्षों से लंबित मुद्दों पर प्राधिकरण ने चुप्पी साध रखी है, जिसके कारण किसान आंदोलन करने को मजबूर हुए हैं।
दिल्ली बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा
प्रशासन ने दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं।
आने वाले दिनों में यह आंदोलन कितना बड़ा रूप लेता है, यह देखना होगा। प्रशासन और किसानों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।