योग और स्वास्थ्य, वात निरोधक समूह के योगासन, बता रहे हैं योग गुरु ऋषि वशिष्ठ
☀योग और स्वास्थ्य ☀
वात निरोधक समूह के योगासन : ( अभ्यास 9 )
☀श्रोणि-चक्र ☀
श्रोणि – चक्र:
अर्द्ध तितली आसन की तरह प्रारम्भिक स्थिति में बायीं जाँघ पर दाहिना पंजा रखकर बैठ जायें।
दाहिनी भुजा की पेशियों का उपयोग कर दाहिने घुटने को वृत्ताकार घुमाते हुए बड़े-से-बड़ा वृत्त बनाने का प्रयास करें।
तर्जनी को बाहर की ओर रख सकते हैं, यह वृत्ताकार गति को पूर्ण बनाने में सहायक होगी।
दस चक्र दायीं से बायीं ओर तथा फिर दस चक्र उसकी विपरीत दिशा में घुमायें।
पैर को धीरे-से सीधा करें। बायें पैर से इसकी पुनरावृत्ति करें।
श्वसन-
घुटने को ऊपर की ओर ले जाते समय श्वास लें। नीचे की ओर लाते समय श्वास छोड़ें।
सजगता –
श्वसन, घुटने, गुल्फ और श्रोणि-सन्धि के घुमाव पर।
☀ऋषि वशिष्ठ ☀
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