सीमा सुरक्षा और स्थानीय विकास के लिए अरुणाचल सरकार और ITBP का बड़ा कदम
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश सरकार और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के बीच शुक्रवार को एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसका उद्देश्य वाइब्रेंट विलेज योजना को सशक्त बनाना, पलायन रोकना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा को मजबूत करना है।
सचिवालय में हुए इस समझौता ज्ञापन (MOU) पर ITBP के आईजी डॉ. अकुन सबरवाल और अरुणाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड (APAMB) के सीईओ ओकित पल्लिंग ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उप मुख्यमंत्री चौना मीन, कृषि मंत्री गैब्रियल डेनवांग वांगसू, मुख्य सचिव मनीष गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
स्थानीय उत्पादों की ITBP को होगी आपूर्ति
समझौते के तहत वाइब्रेंट विलेज योजना से जुड़े गांवों के स्थानीय उत्पाद—फल, सब्जियां, मांस, मछली, डेयरी उत्पाद और बाजरा—ITBP की यूनिट्स को आपूर्ति किए जाएंगे। इस पहल से सीमावर्ती गांवों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और पलायन को रोकने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समझौता सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक विकास और स्थानीय निवासियों की आजीविका सुधारने में मदद करेगा। उन्होंने इसे सुरक्षा और विकास को एकीकृत करने वाला कदम बताया।
स्थानीय रोजगार और ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा
इस योजना के तहत ITBP स्थानीय सहकारी समितियों के माध्यम से उत्पादों की खरीद करेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल को मजबूती मिलेगी। जवानों को ताजे और उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद मिलेंगे, वहीं स्थानीय कृषि और व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि इस समझौते से स्थानीय व्यवसायों में नई जान फूंकी जाएगी और सीमा क्षेत्रों में स्थिरता और सुरक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा। यह समझौता न केवल सीमावर्ती इलाकों में विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि देश की सीमाओं को भी अधिक सुरक्षित बनाएगा।