ग्रेटर नोएडा में डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन चार्ज लागू: सेक्टरवासियों में नाराज़गी, आंदोलन की चेतावनी, बटोगे तो चार्ज दोगे का नारा हुआ बुलन्द
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शहर के विभिन्न सेक्टरों में डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन के लिए उपभोग शुल्क (यूज़र चार्ज) लागू कर दिया है। यह शुल्क 121वीं बोर्ड बैठक में स्वीकृत दरों के अनुसार लिया जाएगा। हालांकि, प्राधिकरण के इस फैसले का शहरवासियों ने कड़ा विरोध किया है।
चार्ज की दरें और शर्तें
घरों से लिए जाने वाले यूज़र चार्ज की दरें भूखंड के आकार के आधार पर तय की गई हैं:
200 वर्गमीटर तक: ₹80 प्रति माह
200-300 वर्गमीटर: ₹100 प्रति माह
300-500 वर्गमीटर: ₹120 प्रति माह
500 वर्गमीटर से अधिक: ₹150 प्रति माह
इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण ने यह प्रावधान भी किया है कि शुल्क में 5% की वृद्धि तभी होगी, जब डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन कार्य गुणवत्तापूर्वक पूरा हो।
सेक्टरवासियों में रोष
डेल्टा-1, अल्फा और अन्य सेक्टरों के निवासियों ने इस चार्ज का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि प्राधिकरण ने पहले ही प्लॉट खरीदते समय पानी और कचरा प्रबंधन के चार्ज ले लिए थे। लोगों का कहना है कि यदि यह चार्ज वापस नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
दीपक भाटी महासचिव, गोल्डन फेडरेशन का बयान
दीपक भाटी ने कहा, “हमने पहले भी इस चार्ज के खिलाफ आंदोलन किया था, जिसके बाद प्राधिकरण को इसे बंद करना पड़ा था। लेकिन अब एक बार फिर यह चार्ज लागू कर दिया गया है। प्राधिकरण ने शहर की एकता को तोड़ने के लिए रणनीति बनाई और अलग-अलग आरडब्ल्यूए से बैठकें शुरू कीं। कुछ आरडब्ल्यूए ने प्राधिकरण का साथ दिया, जिसकी वजह से यह समस्या दोबारा खड़ी हो गई है।”
उन्होंने कहा कि “बटोगे तो चार्ज दोगे” ।
शहरवासी प्राधिकरण के इस कदम को मनमानी बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई, तो पूरे शहर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
प्राधिकरण का पक्ष
प्राधिकरण का कहना है कि चार्ज स्वच्छ भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। यह कदम शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, शहरवासियों की शिकायतों का समाधान करने का आश्वासन भी दिया गया है।
शहरवासियों का समर्थन जरूरी
प्राधिकरण ने निवासियों से अपील की है कि वे इस पहल में सहयोग करें और समय पर शुल्क का भुगतान कर स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाएं। दूसरी ओर, सेक्टरवासी अपनी एकता और आंदोलन के जरिये प्राधिकरण पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या होगा आगे?
डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन चार्ज को लेकर ग्रेटर नोएडा में तनाव का माहौल बना हुआ है। आने वाले दिनों में आंदोलन की आहट इस विवाद को और गहरा सकती है।