योग और स्वास्थ्य, वात निरोधक समूह के योगासन : बता रहे हैं योग गुरु ऋषि वशिष्ठ
☀योग और स्वास्थ्य ☀
वात निरोधक समूह के योगासन :
☀ गुल्फ घूर्णन ☀
गुल्फ घूर्णन :
अभ्यास :-4
प्रारम्भिक स्थिति में बैठे रहें।
दाहिने घुटने को मोड़ें और पंजे को नितम्ब की ओर ले आयें।
फिर घुटने को दायीं तरफ झुकायें और यदि कष्ट न हो पंजे को धीरे से बायीं जाँघ पर रखें।
यह निश्चित कर लें कि टखना जाँघ से इस तरह बाहर हो कि बिना अवरोध के पंजे को घुमाया जा सके।
दाहिने गुल्फ (टखने) को दाहिने हाथ से पकड़कर उसे सहारा दें।
दाहिने पैर की उँगलियों को बायें हाथ से पकड़ लें।
बायें हाथ की सहायता से दाहिने पंजे को टखने से दस बार एक दिशा
में और दस बार उसकी विपरीत दिशा में वृत्ताकार घुमायें।
बायें पंजे को दाहिनी जाँघ पर रख कर इस अभ्यास को दुहरायें।
श्वसन-
ऊपर की ओर घुमाते समय श्वास लें।
नीचे की ओर घुमाते समय श्वास छोड़ें।
सजगता-
श्वास और पंजे को घुमाने पर।
लाभ-
पंजों और पिण्डलियों के सभी आसन अवरुद्ध लसीका (लिम्फ) और शिरा-रक्त को वापस ले जाने में सहायक होते हैं। इस प्रकार वे थकान और ऐंठन को दूर करते तथा शिरावरोध (थ्रोम्बोसिस) से बचाव करते हैं, विशेषकर शल्य-क्रिया के बाद शय्याग्रस्त रोगियों में।
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