ग्रेटर नोएडा में ईसीपी थेरेपी सम्मेलन और कार्यशाला का आयोजन, बिना चीर-फाड़ दिल की बीमारियों का कारगर इलाज की तलाश
ग्रेटर नोएडा में ईसीपी थेरेपी पर मंथन: बिना चीर-फाड़ दिल की बीमारियों का समाधान
ग्रेटर नोएडा। इंटरनेशनल ईसीपी एसोसिएशन (आईईसीपीए) ने ग्रेटर नोएडा में पहली ईसीपी ग्लोबल कॉन्फ्रेंस और वर्कशॉप का आयोजन किया। 24 नवंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में दुनियाभर से आए विशेषज्ञ, शोधकर्ता और चिकित्सक दिल से जुड़ी समस्याओं के इलाज में एन्हांस्ड एक्सटर्नल काउंटरपल्सेशन (ईसीपी) थेरेपी की भूमिका पर चर्चा कर रहे हैं।
कार्यक्रम में 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि शामिल हैं। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दिल की बीमारियों का बिना चीर-फाड़ यानी नॉन-इनवेसिव प्रक्रियाओं से इलाज तलाशना है। आईईसीपीए के अध्यक्ष डॉ. एसएस सिबिया, संस्थापक डॉ. राकेश मोहनलाल, आयोजन अध्यक्ष डॉ. अनुपम श्रीवास्तव और आयोजन सचिव डॉ. सनोज राज इस अवसर पर उपस्थित रहे।
ईसीपी थेरेपी: बुजुर्ग और कमजोर दिल के मरीजों के लिए लाभकारी
डॉ. एसएस सिबिया ने बताया कि ईसीपी थेरेपी मुख्य रूप से उन बुजुर्ग और कमजोर दिल के मरीजों के लिए कारगर है, जिनकी एंजियोप्लास्टी, स्टेंट या बाईपास सर्जरी संभव नहीं है या जो सर्जरी नहीं कराना चाहते। इस तकनीक से रक्त संचार बढ़ाकर दिल को मजबूत बनाया जा सकता है। इसके अलावा, ईसीपी थेरेपी एंटी-एजिंग के लिए भी लाभकारी है।
जटिल बीमारियों का सस्ता और प्रभावी समाधान
डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि ईसीपी थेरेपी जटिल और पुरानी दिल की बीमारियों के लिए एक नॉन-इनवेसिव जीवन रक्षक समाधान है। यह कम लागत में उपलब्ध है और इसके जरिए रक्त प्रवाह बेहतर होता है, एंजाइना में कमी आती है और दिल की समग्र स्थिति में सुधार होता है।
इस ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के जरिए ईसीपी थेरेपी को बेहतर समझने और इसे व्यापक स्तर पर लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आयोजन ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में नई संभावनाएं खोली हैं, बल्कि भविष्य में दिल की बीमारियों के इलाज को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है।