डीएम मनीष कुमार वर्मा ने जारी की एडवाइजरी: सर्दी और कोहरे में सुरक्षित यात्रा के लिए अपनाएं ये उपाय, रहें सतर्क
गौतम बुद्ध नगर, 14 नवंबर 2024 – सर्दी के मौसम की दस्तक के साथ ही कोहरे ने भी अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी है। ऐसे में सड़क सुरक्षा को लेकर सतर्कता बेहद आवश्यक हो गई है, ताकि कोहरे या धुंध के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। इसी उद्देश्य से जिला प्रशासन ने जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी के नेतृत्व में शीतलहर और कोहरे के मद्देनजर सड़क सुरक्षा उपायों को लेकर विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी का उद्देश्य वाहनों के सुरक्षित संचालन हेतु नागरिकों को सावधानियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
वाहन चालकों के लिए सुरक्षा टिप्स
जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी ने सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में फॉग लैम्प का सही कार्य करना अनिवार्य है। यदि फॉग लैम्प में कोई खराबी है, तो उसे तुरंत सही करवाएं, ताकि धुंध के दौरान सड़क स्पष्ट दिखाई दे। साथ ही, गाड़ियों के वाइपर की स्थिति भी चेक करना जरूरी है, ताकि ओस या फॉग के कारण सामने का दृश्य साफ बना रहे। वाइपर की रबर अगर घिस चुकी है, तो उसे भी बदलवा लेना चाहिए।
डिफॉगर का उपयोग इस मौसम में अत्यधिक सहायक हो सकता है। बाहरी हिस्से में मॉयश्चर होने पर डिफॉगर की सहायता से शीशे को साफ रखा जा सकता है, जिससे वाहन चलाते समय स्पष्ट दृश्य बना रहता है। इसी तरह, टायरों में प्रेशर का संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है, ताकि अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी के स्किड होने का खतरा कम हो सके। चतुर्वेदी ने विशेष रूप से चेतावनी दी कि ठंड में सड़कें नमी से भरी होती हैं, जिससे टायर की रबर थोड़ी सिकुड़ जाती है और अधिक प्रेशर होने पर दुर्घटना की संभावना बढ़ सकती है।
इमरजेंसी इंडिकेटर के उपयोग से बचें
चतुर्वेदी ने बताया कि सर्दी के मौसम में इमरजेंसी इंडिकेटर का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। अक्सर इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने से पीछे या आगे से आ रही गाड़ियाँ संकेत को सही ढंग से समझ नहीं पाती हैं, जिससे टक्कर का खतरा बढ़ जाता है। इसकी बजाय हेडलाइट का उपयोग करना बेहतर होता है।
इंजन और बैटरी की देखभाल
उन्होंने वाहन चालकों को सलाह दी कि ठंड में गाड़ी के इंजन को स्टार्ट करने के बाद कम से कम 5 मिनट तक उसे गर्म होने दें। इस दौरान एक्सीलेटर का उपयोग न करें, खासकर डीजल इंजन वाली गाड़ियों के लिए यह बेहद आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, बैटरी की चार्जिंग पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि पुरानी बैटरी सर्दी में समस्या पैदा कर सकती है। ऐसे में यदि गाड़ी का नियमित उपयोग नहीं कर रहे हैं तो हर 3 दिन में 5-6 किलोमीटर तक वाहन जरूर चलाएं।
अन्य सुरक्षात्मक उपाय
सर्दी के दिनों में कार के अंदर फॉग बनने से बचने के लिए एंटी फॉगिंग स्प्रे या सिलिका जेल का प्रयोग करें, जो फॉग को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। भाप हटाने के लिए एसी का इस्तेमाल भी एक प्रभावी उपाय है। यदि गाड़ी के अंदर अधिक लोग बैठे हैं, तो उनकी बॉडी टेम्परेचर से गाड़ी का तापमान बढ़ सकता है। ऐसे में विंडशील्ड पर बनने वाले मॉयश्चर को हटाने के लिए एसी का तापमान 18-20 डिग्री पर सेट करना लाभकारी हो सकता है। भाप हटाने के लिए हीटर का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे समस्या बढ़ सकती है।
चतुर्वेदी ने यह भी सुझाव दिया कि सभी वाहनों पर रेडियम रेफलेक्टर/स्टीकर का प्रयोग करें, ताकि धुंध या कम दृश्यता के दौरान भी वाहन स्पष्ट रूप से दिखाई दें और दुर्घटना की संभावना को कम किया जा सके।
दोपहिया वाहन चालकों के लिए आवश्यक सावधानियां
दो पहिया वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। हेलमेट का अनिवार्य रूप से उपयोग करें, हेडलाइट और इंडिकेटर सही स्थिति में होने चाहिए। वाहन पर आगे-पीछे रेडियम रेफलेक्टर लगवाएं और मोड़ पर वाहन की गति को धीमा रखें। साथ ही, ठंड से बचने के लिए पर्याप्त ऊनी और गर्म कपड़ों का उपयोग करें।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार के निर्देशन में जारी इस एडवाइजरी का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुरक्षित यातायात के प्रति जागरूक करना है।