नोएडा एयरपोर्ट पर प्रतिदिन 2 से 3 विमानों का ट्रायल, 15 नवम्बर से एक महीने तक चलेगा परीक्षण
ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो पूरी तरह से तैयार हो चुका है, में 15 नवम्बर से विमानों के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इस परीक्षण के तहत प्रतिदिन दो से तीन विमानों का ट्रायल किया जाएगा, जिसमें इंडिगो और आकासा एयरलाइंस के विमान रनवे पर उतरेंगे और उड़ान भरेंगे। यह ट्रायल लगभग एक महीने तक चलेगा, और इस दौरान करीब 70 विमानों का परीक्षण किया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने बताया कि 15 नवम्बर से शुरू होने वाले इस परीक्षण में, 30 नवम्बर और 15 दिसम्बर को पूरी क्षमता के साथ विमानों का मॉक ड्रिल किया जाएगा। इन मॉक ड्रिल्स के दौरान एयरक्राफ्ट 320, 321 और बोइंग 787 के विमान रनवे पर उतरेंगे और परीक्षण करेंगे। यह ट्रायल हवाई अड्डे के उपकरणों और रनवे की पूरी तैयारी का परीक्षण करेगा।
ट्रायल के दौरान किए जाएंगे महत्वपूर्ण उपकरणों का परीक्षण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर स्थापित CAT-1 और CAT-3 उपकरणों को नागर विमानन निदेशालय से मंजूरी मिल चुकी है। ये उपकरण कोहरे में विमान की ऊचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। इसके अलावा, एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर की लैंडिंग प्रणाली की भी अक्टूबर तक जांच की जा चुकी है। डीजेसीए (डीजीसीए) द्वारा इन उपकरणों का निरीक्षण भी किया गया है और उड़ान के लिए आवश्यक लाइसेंस का आवेदन 15 नवम्बर से शुरू होगा।
कामर्शियल उड़ानें 17 अप्रैल 2025 से शुरू होंगी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 17 अप्रैल 2025 से कामर्शियल उड़ानें शुरू की जाएंगी। पहले दिन 30 उड़ानों का संचालन किया जाएगा, जिनमें 25 घरेलू, 3 अंतरराष्ट्रीय और 2 कार्गो उड़ानें शामिल होंगी। एयरपोर्ट के संचालन की तैयारी के तहत विमानों का कामर्शियल परिचालन 15 मार्च तक शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा, टिकट बुकिंग की प्रक्रिया 6 जनवरी 2025 से शुरू हो सकती है, और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टिकट 90 दिन पहले और घरेलू उड़ानों के लिए डेढ़ महीने पहले बुक किए जा सकेंगे।
नोएडा एयरपोर्ट से क्षेत्रीय यात्रा को मिलेगा फायदा
नोएडा एयरपोर्ट के चालू होने से न केवल नोएडा बल्कि गाजियाबाद और दिल्ली के कुछ हिस्सों के यात्रियों को भी सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्री दबाव भी कम होगा। एयरपोर्ट की क्षमता 60 से अधिक विमानों की आवाजाही की होगी, जिससे यात्री जल्दी और आसानी से अपनी यात्रा कर सकेंगे।
आधुनिक तकनीक से लैस होगा नोएडा एयरपोर्ट
नोएडा एयरपोर्ट को पूरी तरह से डिजिटल एयरपोर्ट के रूप में तैयार किया जा रहा है। यहां इनडोर नेविगेशन, स्मार्टफोन द्वारा चेक-इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट्स पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधाजनक और तेजी से सेवाएं मिल सकेंगी।
यह एयरपोर्ट भविष्य में भारत के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाईअड्डों में से एक बन सकता है, जो क्षेत्रीय यातायात और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।