27,000 सरकारी स्कूलों की बंदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी का उग्र प्रदर्शन
जिला कलेक्ट्रेट सूरजपुर, गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश – 9 नवंबर 2024: आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 27,000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने के निर्णय के विरोध में जिला कलेक्ट्रेट सूरजपुर में एक जोरदार प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष राकेश अवाना के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया, और सरकार की शिक्षा विरोधी नीति पर नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि यह निर्णय तुरंत रद्द किया जाए, अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों की बंदी गरीबों के भविष्य पर कुठाराघात: राकेश अवाना प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष राकेश अवाना ने कहा, “27,000 स्कूल बंद करने का फैसला समाज के सबसे कमजोर वर्गों के अधिकारों पर हमला है। इस फैसले से लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। सरकार को गरीबों की शिक्षा से कोई सरोकार नहीं है। हम इसे लेकर जन-जन तक जाएंगे और सरकार को यह फैसला वापस लेने पर मजबूर करेंगे।”
किसान प्रकोष्ठ अध्यक्ष अशोक कमांड की कड़ी प्रतिक्रिया प्रदेश अध्यक्ष किसान प्रकोष्ठ अशोक कमांड ने कहा, “यह निर्णय ग्रामीण इलाकों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिए एक बड़ा धक्का है। किसान अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए निर्भर हैं, लेकिन अब उनके बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। यह सिर्फ शिक्षा पर नहीं, बल्कि समाज के ढांचे पर हमला है।”
शिक्षा के हक की लड़ाई: कैलाश शर्मा जिला महासचिव कैलाश शर्मा ने इस निर्णय को गरीबों के बच्चों के लिए घातक बताते हुए कहा, “सरकारी स्कूलों की बंदी से हजारों बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। उनके माता-पिता निजी स्कूलों की फीस नहीं चुका सकते। यह सरकार का शिक्षा विरोधी चेहरा उजागर करता है।”
आप नेता राहुल सेठ की चिंता आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राहुल सेठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यह निर्णय न केवल हजारों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा बल्कि देश की बुनियादी शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। शिक्षा जैसे मौलिक क्षेत्र में इस प्रकार का निर्णय बेहद चिंतनीय है।”
महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा प्रदर्शन के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई कि 27,000 स्कूलों को बंद करने के फैसले को रद्द किया जाए। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इस निर्णय से न केवल बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि सैकड़ों योग्य शिक्षक बेरोजगारी की चपेट में आ जाएंगे।
अवैध निजी विद्यालयों पर सख्त कार्रवाई की मांग राकेश अवाना ने कहा, “हमारी मांग है कि सभी जनपदों में सरकारी स्कूलों के पास चल रहे अवैध निजी विद्यालयों की जांच हो और उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। सरकार को अपनी शिक्षा विरोधी नीतियों को रोकना चाहिए।”
प्रदर्शन में वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति इस विरोध प्रदर्शन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिलदार अंसारी, उपाध्यक्ष नवीन भाटी, RWA विंग जिलाध्यक्ष जसविंदर बेदी, उपाध्यक्ष मनोज यादव, सचिव विक्की भाटी, सचिव विजय श्रीवास्तव, प्रवक्ता राहुल सेठ और कई अन्य पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए।
जिलाध्यक्ष की अपील राकेश अवाना ने इस मौके पर कहा, “हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है, और हम इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सरकार को जनहित में इस निर्णय को वापस लेना चाहिए, ताकि बच्चों के भविष्य की रक्षा हो सके।”
बैकग्राउंड सरकार ने पहले भी 2020 में 26,000 सरकारी स्कूल बंद किए थे, और अब फिर से बड़ी संख्या में स्कूलों की बंदी की योजना बना रही है, जिससे प्रदेश के शिक्षा स्तर पर गंभीर असर पड़ सकता है।