सात साल से कम सजा वाले मामलों का निस्तारण दो सप्ताह में अनिवार्य: डीजीपी प्रशांत कुमार
लखनऊ/गाजियाबाद, युग करवट: प्रदेश में अब ऐसे आपराधिक मामले, जिनमें सजा का प्रावधान 3 से 7 साल तक है, उनकी जांच एसएचओ/एसओ को मात्र 14 दिन, यानी दो सप्ताह के भीतर पूरी करनी होगी। इस संबंध में डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों, आयुक्तों और अन्य अधीनस्थ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं।
डीजीपी ने अपने निर्देश में कहा कि जांच पूरी होने के बाद मामले की रिपोर्ट तत्काल दर्ज की जाए। यदि प्रकरण आपराधिक श्रेणी में नहीं आता है, तो इस बात की सूचना तुरंत एसीपी/सीओ को दी जाए। डीजीपी ने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगर किसी मामले में अपराध की पुष्टि नहीं होती है, तो इसकी सूचना देने में देरी न की जाए। साथ ही एसीपी और पीड़ित को भी जांच की जानकारी दी जाए।
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि सभी एसएचओ/एसओ को इस प्रकार के मामलों को अपनी जनरल डायरी में नोट करना होगा। मासिक बैठक में संबंधित थाना प्रभारी से इन मामलों की प्रगति रिपोर्ट ली जाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने चेतावनी दी है कि निर्देशों के पालन में कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।