प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सख्त मुहिम, 132 एंटी स्मॉग गन और 66 वाटर टैंकर तैनात
प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए, लापरवाही पर लगेगा भारी जुर्माना
ग्रेटर नोएडा, 06 नवंबर 2024। NCR के सबसे ग्रीन शहरों में शुमार ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने प्रयासों में और तेजी ला दी है। प्राधिकरण ने पूरे शहर को 18 हिस्सों में बांटकर सफाई व्यवस्था को और मजबूत किया है। हर इलाके में सुपरवाइजर और सेनेटरी इंस्पेक्टर तैनात किए गए हैं, जो गंदगी मिलने पर तुरंत संबंधित वेंडर को सूचित करेंगे और कूड़ा उठवाने की जिम्मेदारी निभाएंगे। इसके साथ ही ये अधिकारी कूड़ा जलाने की घटनाओं पर भी नजर बनाए हुए हैं।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू ग्रैप टू (GRAP-II) नियमों के पालन में, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण का परियोजना विभाग, स्वास्थ्य विभाग, और उद्यान विभाग सभी प्रदूषण को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं।
एंटी स्मॉग गन और वाटर टैंकरों से प्रदूषण पर काबू
प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक के अनुसार, प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से शहर में 132 एंटी स्मॉग गन विभिन्न निर्माण साइटों पर लगाए गए हैं। साथ ही, 66 वाटर टैंकरों के माध्यम से सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल कम उठे। इस कार्य में एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 10 वाटर टैंकरों का उपयोग पेड़ों की सफाई के लिए किया जा रहा है, जिससे उनके पत्तों पर जमी धूल को हटाया जा सके। सड़कों की सफाई के लिए चार मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें भी लगाई गई हैं।
प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई
प्राधिकरण ने प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए अब तक कूड़ा उठाने में लापरवाही बरतने और कूड़े को जलाने वाले वेंडरों पर 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने निवासियों से अपील की है कि अगर कहीं भी कूड़ा जलता हुआ दिखाई दे, तो तुरंत प्राधिकरण के कॉल सेंटर नंबर 0120-2336046/47/48/49 पर सूचना दें। इसके अलावा, प्राधिकरण के मित्रा ऐप के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
आशुतोष द्विवेदी ने सभी निवासियों से शहर को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की है। प्राधिकरण के इन प्रयासों का उद्देश्य ग्रेटर नोएडा को एक स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण-मुक्त शहर बनाना है, जिससे नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।