मुन्ना शर्मा ने दी जानकारी: 5 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू होगा चार दिवसीय छठ महापर्व, 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ होगा समापन
नोएडा, 02 नवंबर 2024: अखिल भारत हिन्दू महासभा और अखिल भारतीय प्रवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा ने जानकारी दी है कि इस वर्ष का छठ महापर्व 5 नवंबर से नहाय-खाय के साथ आरंभ होकर 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा।
शर्मा ने बताया कि इस पावन पर्व का पहला दिन, कार्तिक शुक्ल चतुर्थी, नहाय-खाय के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन श्रद्धालु अपने घर और आसपास की सफाई करके शुद्ध चावल, चना दाल और लौकी की सब्जी का प्रसाद तैयार करेंगे और पूजा उपरांत इसे ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही व्रती सूर्योपासना के प्रति पूर्ण समर्पित होकर व्रत का प्रारंभ करेंगे।
6 नवंबर को खरना (लोहंडा) के दिन छठव्रती प्रसाद में रोटी, चावल का पिट्ठा और शक्कर का खीर बनाएंगे, जिसे मिट्टी के बर्तनों में ही तैयार किया जाएगा। शाम को व्रती एकांत में छठी मैया और भगवान भास्कर की पूजा करेंगे। इसी दिन से व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा, जिसमें वे बिना जल ग्रहण किए उपवास करेंगे।
7 नवंबर को व्रत के तीसरे दिन व्रती ठेकुआ, लड्डू और अन्य पारंपरिक प्रसाद बनाएंगे। सायंकाल में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए छठव्रती सिर पर प्रसाद से भरे बांस के सूप, डाला, और दौरा लेकर छठ घाट पर पहुंचेंगे। यहाँ वे सूर्यास्त से पूर्व अर्घ्य देंगे। इस अवसर पर छठ घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा, जिसमें छठ माता के गीतों की धूम रहेगी।
अंतिम दिन 8 नवंबर को प्रातःकाल में छठव्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे, जिसके साथ ही छठ महापर्व का समापन होगा। इस अवसर पर छठव्रती भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा-अर्चना करेंगे और पारण कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके पश्चात सभी श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।
मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि छठ महापर्व से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, और पश्चिम बंगाल के अलावा नेपाल, मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, वेस्टइंडीज, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों में भी छठ महापर्व परंपरागत उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिल्ली-एनसीआर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, और फरीदाबाद समेत लाखों श्रद्धालु इस पर्व में भाग लेते हैं, जो सूर्योपासना का महान पर्व है।