योग और स्वास्थ्य- पेट के लिए लाभकारी एक्सरसाइज बता रहे हैं योग गुरु ऋषि वशिष्ठ
☀योग और स्वास्थ्य ☀
पेट के लिए मात्र 10 एक्सरसाइज जो पेट की शक्ति को बढ़ा कर पेट को सम अवस्था में रखते हुए पेट सम्बंधित सभी समस्याओं को दूर करे –
आगे क्रमशः
पांचवी और छठी दो क्रियाऐं , इस प्रकार से करें।
उदर शक्ति विकासक
क्रिया नं. 5
स्थिति-
समावस्था में खड़े रहें।
विधि-
गर्दन को सम अवस्था व सीधी रखते हुए मुख से धीरे-धीरे स्वांस को, काक चोंच बनाते हुए, आठ अंक मन में गिनते हुए पेट में भरे। मुँह को बंद कर तुरंत गालों को फुलाएँ, ठुड्डी कंठ कूप से लगाएँ। नेत्रों को बंद करें। साधक चक्कर आने की स्थिति में नेत्र खोल दें। यथाशक्ति पेट फुलाएँ। 32 अंक तक श्वास को अंदर रोकें। गर्दन सीधी करते हुए 16 अंक में नाक से श्वास बाहर निकालें, क्रिया एक बार करें।
उदर-शक्ति विकासक
क्रिया नं. 6
स्थिति-
समावस्था में खड़े रहें।
विधि-
अँगूठा पेट की ओर रखते हुए दोनों हाथों को कमर पर स्थापित करें, 60 अंश कोण पर आगे झुकें। सामने देखें और श्वास को छोड़कर पेट पिचकाएँ और श्वास खींचकर पेट फुलाएँ बिना श्वास रोके इस क्रिया को लगातार 25 बार करें।
लाभ –
1 – पेट के समस्त विकार दूर होते हैं।
2 – पेट के समस्त अंग शक्तिशाली बनते हैं।
3 – पेट का मोटापा कम होता है।
4 – साधक दीर्घ आयु वाला बनता है।
5 – पाचन संस्थान अपना कार्य तीव्र गति से करता है।
6 – नाभी केंद्र को ठीक रखने में सहायक है।
7 – रक्त का संचार भली भाँति होने लगता है।
8 – शरीर की समस्त नाड़ियां शुद्ध बनती है।
☀ऋषि वशिष्ठ ☀
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