जेल से रिहा होकर दिल्ली पहुंचा कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी, पश्चिमी यूपी में बढ़ सकता है वर्चस्व का संघर्ष

पश्चिमी यूपी के बदनाम गैंगस्टर सुंदर भाटी, जो सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था, को हाल ही में हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत मिलने के बाद गुपचुप तरीके से सोनभद्र जेल से उसकी रिहाई भी कर दी गई।

सूत्रों की माने तो जेल से निकलते ही गुरुवार को सुंदर भाटी ने वाराणसी से फ्लाइट के जरिए दिल्ली का रुख किया। हत्या, अवैध वसूली, और जानलेवा हमलों समेत 60 से अधिक गंभीर मामलों में घिरे इस गैंगस्टर की रिहाई से इलाके में हड़कंप मच गया है।

अतीक-अशरफ हत्याकांड से संभावित कनेक्शन

सुंदर भाटी का पूर्वांचल में कनेक्शन पहले से ही चर्चा का विषय रहा है। अप्रैल में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हुई हत्या के तीन आरोपियों में से एक आरोपी, सुंदर भाटी के साथ हमीरपुर जेल में रह चुका था, जिससे यह मामला और भी संगीन हो जाता है।

वर्चस्व की लड़ाई भड़कने का खतरा

सुंदर भाटी की रिहाई के साथ ही पश्चिमी यूपी में आपराधिक गिरोहों के बीच वर्चस्व की जंग तेज होने की आशंका बढ़ गई है। नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में स्क्रैप और सरिया के कारोबार पर कब्जे को लेकर पहले से ही टकराव जारी है, जिसमें अब भाटी के दोबारा सक्रिय होने से और भी हिंसा बढ़ने की आशंका है।

अनिल दुजाना की मौत से क्षेत्र में भाटी का बढ़ता प्रभाव

सुंदर भाटी के प्रतिद्वंदी अनिल दुजाना की मई 2023 में एक मुठभेड़ में मौत के बाद से ही भाटी ने क्षेत्र में अपने दबदबे को मजबूत करना शुरू कर दिया था। दुजाना की मौत के बाद से स्क्रैप कारोबार में भाटी की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है, जिससे उसके प्रभाव का दायरा भी बढ़ गया है।

मुख्य गवाह रवि काना की गिरफ्तारी से भाटी को मिला बढ़ावा

नोएडा पुलिस ने हाल ही में रवि काना और उसकी गर्लफ्रेंड को गिरफ्तार किया है। काना, हरेंद्र नागर का भाई और सुंदर भाटी के खिलाफ हत्या के मामले में मुख्य गवाह है। इस गिरफ्तारी के बाद भाटी का प्रभाव और बढ़ सकता है, जिससे उसके गैंग का वर्चस्व कायम रखने के लिए एक नई चाल चली गई है।

रविन्द्र नागर पर मंडरा रहा खतरा

जानकारों का मानना है कि सुंदर भाटी के बाहर आने के बाद हरेंद्र नागर के भाई रविन्द्र नागर, जो उसके खिलाफ गवाही देने वाले प्रमुख गवाह हैं, पर भी खतरा बढ़ सकता है। वहीं, अपराध जगत में यह भी चर्चा है कि सुंदर भाटी और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच गठजोड़ बन चुका है। यूपी के कई हत्याकांडों में इन दोनों गैंगों के लिंक सामने आ चुके हैं, जिनमें पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या का मामला भी शामिल है।

सुंदर भाटी की रिहाई के साथ ही पश्चिमी यूपी में फिर से गैंगवार की स्थिति बन सकती है, जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था के हालात बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया है।

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