योग और स्वास्थ्य- पेट के लिए बेहतरीन एकसरसाइज, बता रहे हैं योग गुरु ऋषि वशिष्ठ
☀योग और स्वास्थ्य ☀
पेट के लिए मात्र 10 एक्सरसाइज जो पेट की शक्ति को बढ़ा कर पेट को सम अवस्था में रखते हुए पेट सम्बंधित सभी समस्याओं को दूर करे –
क्रमशः तीसरी और चौथी दो क्रियाऐं , इस प्रकार से करें।
उदर-शक्ति-विकासक
( क्रिया नं – 3 )
स्थिति –
समावस्था में खड़े रहें।
विधि-
चित्र में –
क्रिया नंबर तीन के समान गर्दन को धीरे-धीरे ऊपर ले जाएँ। भ्रूमध्य में देखें। अब श्वास बहार छोड़कर पेट अन्दर पिचकाएँ और श्वास अंदर लेकर पेट फुलाएँ। बिना रोके हुए इस क्रिया को पच्चीस बार करें।
( क्रिया नं – 4 )
उदर-शक्ति विकासक नं.4
स्थिति- विधि-
समावस्था में खड़े रहें।
विधि- चित्र के अनुसार,
क्रिया नं. 4 के समान पैर के अंगूठे से अंदाजन 4 फीट दूर देखें। श्वास को बहार छोड़कर पेट पिचकाएँ और श्वास खींचकर पेट को फुलाएँ। इस प्रकार पेट को पिचकना और पेट को फूलना, बिना रुके हुए क्रिया को पच्चीस बार करें।
लाभ –
1 – पेट के समस्त विकार दूर होते हैं।
2 – पेट के समस्त अंग शक्तिशाली बनते हैं।
3 – पेट का मोटापा कम होता है।
4 – साधक दीर्घ आयु वाला बनता है।
5 – पाचन संस्थान अपना कार्य तीव्र गति से करता है।
6 – नाभी केंद्र को ठीक रखने में सहायक है।
7 – रक्त का संचार भली भाँति होने लगता है।
8 – शरीर की समस्त नाड़ियां शुद्ध बनती है।
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