भारतीय हस्तशिल्प का अनोखा संगम: 58वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला ऑटम 2024 का भव्य समापन
ग्रेटर नोएडा, 19 अक्टूबर 2024: इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में 16 से 20 अक्टूबर तक आयोजित हुआ 58वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला ऑटम 2024, जिसमें देश-विदेश के हजारों खरीदारों ने हस्तशिल्प उत्पादों की अनूठी विविधता और उत्कृष्टता का आनंद लिया। इस मेले ने टिकाऊ नवाचार, प्राकृतिक सामग्री के प्रयोग, और भारतीय हस्तशिल्प के अद्वितीय सौंदर्य को प्रस्तुत किया, जिसमें कई विदेशी खरीदारों ने उच्च रुचि दिखाई।
प्रदर्शकों का मुख्य आकर्षण: ईपीसीएच के अध्यक्ष श्री दिलीप बैद ने बताया कि मेला विदेशी खरीदारों और घरेलू वॉल्यूम खरीदारों के उत्साही समर्थन के साथ अपने चरम पर रहा। यहाँ नए संबंध बने और पुराने संबंधों को पुनर्जीवित किया गया। प्रदर्शित उत्पादों में प्रमुख रूप से सस्टेनेबल होम, लाइफस्टाइल, फैशन और फर्नीचर उत्पादों की विविधता शामिल थी, जो मेले में आकर्षण का केंद्र बनी रही।
सेमिनार और ज्ञानवर्धक सत्र: ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने पर्यावरणीय सततता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वृक्ष प्रमाणन पर चर्चा की, जो कानूनी रूप से स्थिरता को बढ़ावा देने वाला है। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID), अहमदाबाद के सहयोग से आयोजित सेमिनारों में ‘सस्टेनेबिलिटी इन एक्शन’ और फॉल विंटर 25/26 के आगामी ट्रेंड्स पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। बौद्धिक संपदा अधिकार और ट्रेडमार्क संरक्षण पर सेमिनार ने प्रतिभागियों को मौजूदा प्रतिस्पर्धी वातावरण में ब्रांड पहचान को सुरक्षित रखने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
विदेशी खरीदारों का उत्साह: ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खरीदारों ने भारतीय हस्तशिल्प की विशेषता और गुणवत्ता को सराहा। ब्रिटेन के मार्टिन टेनेंट ने बताया कि भारतीय उत्पाद अपनी विशिष्टता और गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अलग पहचान बनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया की बेकी ने भारतीय शिल्पकला की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे हर साल भारतीय फर्नीचर और लाइटिंग उत्पादों की विशिष्टता के कारण इस शो का हिस्सा बनती हैं। पहली बार इस मेले में आए दक्षिण अफ्रीका के सेसिल कैमरून ने भारतीय होम डेकोर और लाइटिंग उत्पादों में रुचि दिखाते हुए इसे प्रेरणादायक बताया।
फैशन शो ने बढ़ाया मेले का आकर्षण: आईएचजीएफ दिल्ली मेला के अध्यक्ष श्री गिरीश के अग्रवाल ने बताया कि रैंप शो मेले का मुख्य आकर्षण रहे। फैशन जूलरी, एक्सेसरीज और परिधान प्रदर्शित करते हुए ये शो, संग्रह की भव्यता को और भी आकर्षक बना देते हैं, जिससे खरीदारों और उपस्थित लोगों के बीच इन उत्पादों की मांग और रुचि में वृद्धि होती है।
भारत के हस्तशिल्प का वैश्विक विस्तार: ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि साल 2023-24 के दौरान भारत से हस्तशिल्प का कुल निर्यात 32,758 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ। ईपीसीएच के प्रयासों से भारतीय हस्तशिल्प की ब्रांड छवि को मजबूत बनाने के लिए ऐसे आयोजनों का महत्व बढ़ता जा रहा है, जो न केवल व्यापार को बढ़ावा देते हैं, बल्कि लाखों कारीगरों के मेहनती हाथों की कला को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करते हैं।
इस मेले में प्रदर्शकों ने न केवल व्यापारिक सौदे किए, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प की परंपराओं को जीवित रखते हुए दुनिया भर में उसकी विशिष्टता का संदेश भी दिया।