YAMUNA AUTHORITY में 200 एकड़ में विकसित होगा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर
ग्रेटर नोएडा । यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-10 में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) विकसित करने की तैयारी है। भारत सरकार की ईएमसी-2 योजना के तहत क्लस्टर को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है। कुल 200 एकड़ क्षेत्रफल में यह इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जाएगा। इसमें देश-विदेश की फार्च्यून 500 कंपनियों को भूखंड आवंटित किए जाएंगे।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर यानी ईएमसी -2 योजना शुरू की है। इसके लिए भारत
सरकार ने यीडा क्षेत्र का चयन किया है। बताया कि इस तरह की पहले भी एक स्कीम आई थी, जिसमें यी ने मोबाइल कंपनी को 100 एकड़ का भूखंड आवंटित किया था, लेकिन किसी कारणों ने कंपनी विशेष प्रयोजन माध्यम संस्था (एसपीवी) नहीं बना सकी और आंवटित भूखंड को सरेंडर कर दिया। अब भारत सरकार की ओर से दोबारा से ईएमसी- 2 के नाम से यह स्कीम शुरू की गई है। जिसमें सेक्टर-10 में 200 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर को शुरू करने की योजना तैयार हुई है। यीडा को इसके लिए भारत सरकार से 140 करोड़ रुपए मिलेंगे। 31 अगस्त को योजना को धरातल पर उतारने के लिए अनुमति पत्र भी भारत सरकार से प्राप्त हो जाएगा। ईएमसी पार्क विकसित होने के बाद दूसरे देशों से बिजली उपकरण के उत्पादन की निर्भरता कम या फिर खत्म हो जाएगी। फार्च्यून 500 कंपनियों को निवेश करने पर भारत सरकार की ओर से 75 प्रतिशत लैंड सब्सिडी भी दी जाएगी। इसके अलावा सड़क, सीवर समेत अन्य प्रकार की सुविधा यमुना प्राधिकरण विकसित करेगा। एयरपोर्ट के नजदीक होने से उपकरणों के आयात एवं निर्यात को लेकर भी कोई समस्या नहीं होगी।