प्रदूषण से बढ़े सांस संबंधी बीमारियां, हर 10 में से 4-5 मरीज परेशान: डॉ. राजेश गुप्ता
नोएडा, 24 अक्टूबर
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बढ़ते वायु प्रदूषण ने लोगों की सेहत पर बुरा असर डालना शुरू कर दिया है। दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश गुप्ता के अनुसार, इस समय हर 10 में से 4-5 मरीज सांस, खांसी, और अस्थमा जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
प्रदूषण का बढ़ता स्तर
सर्दियों के आते ही पराली जलाने, वाहनों की बढ़ती संख्या, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल और उद्योगों के धुएं ने वायु प्रदूषण को सामान्य से कई गुना बढ़ा दिया है। दीपावली में पटाखों से प्रदूषण और बढ़ने की संभावना है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। फिलहाल कई जगहों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200-300 के बीच है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
डॉ. गुप्ता ने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, और गले-नाक में जलन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। प्रदूषण के चलते अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसे रोगों के मामलों में 40-50% की वृद्धि हुई है।
दीर्घकालिक जोखिम
लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से दिल का दौरा, फेफड़ों का कैंसर, और तंत्रिका संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वाले लोगों पर इसका असर और ज्यादा गंभीर होता है।
रोकथाम के उपाय
डॉ. गुप्ता ने लोगों को सलाह दी है कि वे वायु गुणवत्ता की निगरानी करें, मास्क पहनें, और खराब हवा के दौरान घर के अंदर रहें। उन्होंने एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने और प्रदूषण से बचाव के लिए सतर्क रहने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “वायु प्रदूषण से बचाव के लिए जागरूकता और निवारक उपाय अपनाकर ही हम एक स्वस्थ वातावरण बना सकते हैं।”