महाकुंभ-2025 में श्री आदि शंकर विमान मंडपम् बनेगा श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण, द्रविड़ियन आर्किटेक्चर का अनूठा उदाहरण
प्रयागराज, 23 अक्टूबर: महाकुंभ-2025 में संगम किनारे बना दक्षिण भारतीय शैली का श्री आदि शंकर विमान मंडपम् मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही मंदिर में विग्रहों के दर्शन कर चुके हैं, और योगी सरकार मंदिर के आसपास विकास कार्य करवा रही है। मंदिर की आभा ऐसी है कि वह श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच लेती है।
मंदिर के प्रबंधक रमणी शास्त्री के अनुसार, कांचिकामकोटि के 69वें पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती ने अपने गुरु चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती की इच्छापूर्ति के लिए श्री आदि शंकर विमान मंडपम् का निर्माण कराया। गुरु चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती ने वर्ष 1934 में प्रयाग में चातुर्मास किया था, और उस दौरान उन्हें दो पीपल के वृक्षों के बीच एक खाली स्थान नजर आया। उन्होंने धर्मशास्त्रों का अध्ययन किया और स्वयं के तपोबल से साबित किया कि यहीं पर आदि शंकराचार्य और कुमारिल भट्ट के बीच संवाद हुआ था। बाद में इसी स्थान पर कुमारिल भट्ट ने तुषाग्नि में आत्मदाह किया।
मंदिर का निर्माण 17 वर्ष में पूरा हुआ। श्री आदि शंकर विमान मंडपम् की नींव वर्ष 1969 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल बी. गोपाल रेड्डी ने रखी थी। मंदिर का नक्शा इंजीनियर बी. सोमो सुंदरम् और सी.एस. रामचंद्र ने तैयार किया था। मंदिर प्रबंधन के साथ उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने भी निर्माण में सहयोग किया। जिन 16 पिलर्स पर मंदिर टिका है, उनका निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर कृष्ण मुरारी दुबे की देखरेख में किया गया था। 17 मार्च 1986 को मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।
मंदिर की ऊंचाई 130 फीट है और इसमें श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा, देवी कामाक्षी, 51 शक्तिपीठ, तिरुपति बालाजी और सहस्र योग लिंग के साथ 108 शिवलिंग स्थापित हैं। गणेश जी का मंदिर भी है। मंदिर प्रातः 6 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 4 से रात 8 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। मंदिर के ऊपरी तलों से संगम का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है।
इन दिनों भी श्री आदि शंकर विमान मंडपम् में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो मंदिर में विग्रहों के दर्शन करेंगे।