उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है, रेरा ने पंजीकरण में नया रिकॉर्ड बनाया
लखनऊ / गौतम बुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 से अक्टूबर 2024 के बीच लगभग 220 नई रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण हुआ है। यह आंकड़ा रेरा, प्रोमोटर्स और घर खरीदारों के बीच बढ़ते विश्वास और पारदर्शिता का प्रतीक है।
पंजीकरण में हुई वृद्धि ने यह दर्शाया है कि नॉन-एनसीआर जनपदों में नई परियोजनाओं का पंजीकरण एनसीआर जनपदों से अधिक हो रहा है। एनसीआर के जनपदों से 76 परियोजनाओं का पंजीकरण हुआ, जबकि नॉन-एनसीआर के जनपदों से 144 परियोजनाओं का पंजीकरण प्राप्त हुआ है। यह विकास टियर 2 और 3 शहरों के प्रोमोटर्स द्वारा रेरा अधिनियम के पालन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
रेरा के अध्यक्ष श्री संजय भूसरेड्डी ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि सभी हितधारकों को रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं की जानकारी पारदर्शिता के साथ उपलब्ध हो, ताकि घर खरीदार निश्चितता के साथ अपने सपनों का घर खरीद सकें।” उन्होंने यह भी बताया कि रियल एस्टेट क्षेत्र का विकास अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य जनपदों में भी तेजी से हो रहा है।
इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के बीच रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं की संख्या पिछले वर्षों के स्तर को पार कर गई है। 2023 में कुल 190 और 2022 में 215 परियोजनाओं का पंजीकरण हुआ था। वर्तमान में राज्य में 3,756 से अधिक पंजीकृत परियोजनाओं में से 1,701 एनसीआर में और 2,055 नॉन-एनसीआर जनपदों में स्थित हैं।
उ.प्र. रेरा का यह प्रयास निश्चित रूप से रियल एस्टेट सेक्टर के विकास को नया बल देगा, और भविष्य में और अधिक परियोजनाओं का पंजीकरण संभव हो सकेगा।