योग और स्वास्थ्य, योग और जीवनशैली से स्वस्थ जीवन की ओर, बता रहे हैं योग गुरु ज्योतिष ऋषि वशिष्ठ
पतंजलि योग सूत्र में कहा गया है, “योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः” यानी योग से चित्त की वृत्तियों का निरोध होता है। यह सूत्र योग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है।
योग के आठ अंग
पतंजलि योग सूत्र में योग के आठ अंगों का वर्णन किया गया है:
1. यम: जीवन के मूल्यों का पालन करना, जैसे कि अहिंसा, सत्य, और अस्तेय।
2. नियम: शुद्धता, संतुष्टि, और आत्म-निरीक्षण।
3. आसन: शारीरिक अभ्यास जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
4. प्राणायाम: श्वास नियंत्रण जो मानसिक शांति और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
5. प्रत्याहार: इंद्रियों को नियंत्रित करना और मानसिक एकाग्रता बढ़ाना।
6. धारणा: मानसिक एकाग्रता और ध्यान।
7. ध्यान: मानसिक शांति और आत्म-ज्ञान।
8. समाधि: आत्म-ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति।
जीवनशैली में योग का समावेश
योग को अपने जीवन में समावेश करने से कई लाभ हो सकते हैं:
– शारीरिक स्वास्थ्य: आसन और प्राणायाम शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
– मानसिक स्वास्थ्य: ध्यान और धारणा मानसिक शांति और एकाग्रता को बढ़ावा देते हैं।
– आत्म-ज्ञान: यम, नियम, और समाधि आत्म-ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति में मदद करते हैं।
*योग के साथ जीवनशैली में बदलाव*
योग के साथ जीवनशैली में बदलाव करके आप स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं:
– संतुलित आहार: स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
– नियमित व्यायाम: नियमित योग और व्यायाम करें।
– मानसिक शांति: ध्यान और धारणा का अभ्यास करें।
– सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण अपनाएं।
निष्कर्ष
पतंजलि योग सूत्र के सिद्धांतों को अपनाकर आप जीवन के मूल्यों को समझ सकते हैं और स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। योग और जीवनशैली के माध्यम से स्वस्थ जीवन जीने की कला को अपनाकर आप शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।
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