श्री राम मित्र मंडल नोएडा रामलीला : बाली सुग्रीव युद्ध देख रोमांचित हुए दर्शक, प्रभु राम की तीर से मारा गया बाली
सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति द्वारा आयोजित श्रीरामलीला के सप्तम दिन मुख्य अतिथि मदन चौहान, पूर्व मंत्री उत्तरप्रदेश, दिनेश गोयल, संघचालक आरएसएस नोएडा, मुरारी जी, अनिल चौहान और कपिल लखोटिया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर रामलीला का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथियों का स्वागत समिति के चेयरमैन उमाशंकर गर्ग, अध्यक्ष धर्मपाल गोयल और महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र पहनाकर किया।
कार्यक्रम में श्रीराम जी और लक्ष्मण जी की पंचवटी में आगमन के दृश्य का मंचन किया गया। सीता जी को न पाकर श्रीराम और लक्ष्मण दुःखी होकर सीता की खोज में निकल पड़ते हैं। इसी क्रम में उन्हें घायल जटायु मिलते हैं, जो उन्हें सीता हरण का वृतांत सुनाते हैं और श्रीराम की गोद में प्राण त्याग देते हैं।
इसके बाद, श्रीराम और लक्ष्मण शबरी के आश्रम पहुंचते हैं, जहां वे शबरी के झूठे बेर का प्रेम भक्ति से सेवन करते हैं। शबरी से भेंट के उपरांत वह उन्हें दक्षिण दिशा का मार्ग बताती हैं। राम कबन्ध का उद्धार कर सुग्रीव से मित्रता करते हैं।
सुग्रीव और बाली का युद्ध होता है, जिसमें भगवान राम बाली का वध कर देते हैं। इसके बाद सुग्रीव का राजतिलक होता है, लेकिन कुछ समय बाद सीता की खोज के लिए सुग्रीव कोई प्रयास नहीं करते, जिससे श्रीराम और लक्ष्मण क्रोधित होते हैं।
सीता की खोज के लिए अंगद, नील, जाम्वन्त और हनुमान को दक्षिण दिशा में भेजा जाता है। इस दौरान उनकी भेंट सम्पाती से होती है, जो बताता है कि सीता लंका में हैं। समुद्र तट पर जाम्वन्त ने हनुमान जी को उनकी शक्ति याद दिलाई, जिसके बाद हनुमान जी लंका की ओर प्रस्थान करते हैं।
हनुमान जी अशोक वाटिका पहुंचकर सीता जी से मिलते हैं और रावण के आदेश के बावजूद वाटिका के फलों का सेवन करते हैं। रावण के पुत्र अक्षय कुमार के वध के बाद मेघनाद हनुमान को रावण के दरबार में लाता है।
जहां हनुमान रावण को चेतावनी देते हैं कि यदि उसने क्षमा नहीं मांगी, तो वह दंडित होगा। रावण का अहंकार हनुमान को मारने के आदेश देता है, लेकिन विभीषण के समझाने पर रावण ने उनकी पूंछ में आग लगाने का निर्णय लिया। इस प्रकार हनुमान जी लंका को जला देते हैं।
कल, 10 अक्टूबर को रावण द्वारा विभीषण का त्याग, रामेश्वरम की स्थापना, रावण और अंगद संवाद, लक्ष्मण और मेघनाथ का युद्ध, लक्ष्मण की मूर्छा, हनुमान का संजीवनी लाना आदि प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।
कार्यक्रम में समिति के कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सलाहकार मनोज शर्मा, सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल, राजकुमार गर्ग और शहर के सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।