वेस्ट विनोद नगर की “कामधेनु रामलीला” में हनुमान जी के लंका प्रस्थान पर गूंजे जयकारे
दिल्ली – वेस्ट विनोद नगर, रास विहार (डीडीए पार्क) में चल रही ‘कामधेनु रामलीला’ के सातवें दिन उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन हुआ। मंचन में श्रीराम-हनुमान मिलन, सुग्रीव मित्रता, बाली वध, हनुमान जी का लंका प्रस्थान और अशोक वाटिका प्रसंग को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया। जैसे ही हनुमान जी ने लंका के लिए प्रस्थान किया, दर्शकों ने तालियों और जयकारों से पूरा माहौल गूंजा दिया।
कामधेनु रामलीला समिति के चेयरमैन डॉ. कुलदीप भण्डारी ने बताया कि रामलीला के प्रति दर्शकों की रुचि बढ़ती जा रही है और हर दिन दर्शकों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है। साथ ही, दर्शकों से मिल रहे सुझावों का समिति ध्यानपूर्वक पालन कर रही है।
आज के मंचन में, राम और लक्ष्मण सीता माता की खोज में दक्षिण की ओर बढ़ते हैं, जहां श्रश्यमूक पर्वत के पास सुग्रीव उन्हें देखकर चिंतित हो जाते हैं। वह अपने सेनापति हनुमान को राम-लक्ष्मण का परिचय लेने के लिए भेजते हैं। हनुमान और राम के बीच के संवाद में राम अपने जीवन की आपबीती सुनाते हैं, जिसके बाद हनुमान राम के चरणों में गिर जाते हैं। हनुमान जी राम और लक्ष्मण को अपने कंधों पर बैठाकर श्रश्यमूक पर्वत ले जाते हैं, जहां राम और सुग्रीव की मित्रता हो जाती है।
राम-सुग्रीव मित्रता के इस भावुक प्रसंग पर दर्शकों ने ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगाकर अपनी आस्था प्रकट की।