वेस्ट विनोद नगर की “कामधेनु रामलीला” में जटायु के साथ आकाश मार्ग में युद्ध से दर्शक रोमांचित
दिल्ली। कामधेनु रामलीला समिति की ओर से पूर्वी दिल्ली के वेस्ट विनोद नगर स्थित रासविहार मैदान (डीडीए पार्क) में आयोजित रामलीला के छठे दिन श्रीराम के वनवास जीवन का मंचन किया गया। इस दिन के मंचन में सूर्पनखा प्रसंग, खर-दूषण वध, रावण-मारीच संवाद, सीता हरण, राम विलाप, जटायु मोक्ष और राम-शबरी मिलन जैसे महत्वपूर्ण प्रसंग दर्शाए गए।
विशेष रूप से, सीता हरण और जटायु के साथ आकाश मार्ग में युद्ध ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। सीता के वियोग में राम का करुण विलाप दर्शकों के दिल को छू गया, जबकि राम-शबरी मिलन का दृश्य सभी को भावुक कर गया।
समिति के चेयरमैन डॉ. कुलदीप भण्डारी ने बताया कि उत्तराखण्ड की गढ़वाली–कुमाऊँनी मिश्रित शैली में प्रस्तुत की जाने वाली कामधेनु रामलीला में अवधी पुट लिये संस्कृत, उर्दू, फारसी और बृज युक्त चौपाइयों का सम्मिश्रण इसे अद्वितीय बनाता है।
आज की लीला में स्वर्ण मृग बनी नन्हीं बालिका अवनी ढोंडियाल के जीवंत अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा। राम बने पंकज, रावण बने जगमोहन बुगाणा, सीता बनी ऋतु बिष्ट, लक्ष्मण बने अजय रावत, मारीच बने पप्पू कांडपाल, और जटायु बने हरीश कपर्वाण ने भी अपने भावपूर्ण अभिनय से सभी का ध्यान खींचा।
इस रामलीला ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखा बल्कि दर्शकों के दिलों में भक्ति और करुणा का संचार भी किया।