गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में गरबा उत्सव: परंपरा और शिक्षा का अद्भुत मिश्रण
ग्रेटर नोएडा: आधुनिकता और तकनीक के इस युग में, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता महत्वपूर्ण हो गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वास्तुकला और क्षेत्रीय योजना विभाग ने शरद नवरात्रि समारोह के अंतर्गत एक गरबा शाम का आयोजन किया। विभागाध्यक्ष माधुरी अग्रवाल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में बी.आर्क और बी.डेस प्रथम वर्ष के छात्रों धवल जैन, सतपाल, और अंशिका ने अहम भूमिका निभाई। छात्रों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों से बनाए गए आर्क ने आयोजन की शोभा बढ़ाई, जो शिक्षा और संस्कृति के अद्भुत संगम का प्रतीक था।
छात्रों की हस्तनिर्मित सजावट बनी आकर्षण का केंद्र
इस आयोजन की विशेषता यह थी कि सभी सजावट, रंगोलियां, दीवार लटकन और तोरण, छात्रों द्वारा हाथ से बनाई गई थी। इससे न केवल कार्यक्रम को व्यक्तिगत स्पर्श मिला, बल्कि छात्रों की रचनात्मकता और शिल्पकला भी प्रदर्शित हुई।
संस्कृति और शिक्षा का अद्भुत संगम
गरबा, जो गुजरात की पारंपरिक नृत्य शैली है, शरद नवरात्रि का अभिन्न अंग है। इस आयोजन ने छात्रों को न केवल सांस्कृतिक महत्व समझाया बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के आपसी समन्वय का एक मंच भी प्रदान किया। इस आयोजन का शैक्षिक पहलू यह था कि भविष्य के वास्तुकारों और योजनाकारों के लिए यह समझना आवश्यक है कि डिजाइन में संस्कृति की भूमिका कितनी अहम होती है।