ग्रेटर नोएडा में किसान चिंतन शिविर: ग्राम सभा कानून और मुआवजा नीति पर गहन चर्चा
ग्रेटर नोएडा के परी चौक स्थित अखिल भारतीय गुर्जर संस्कृति शोध संस्थान में “राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह” के आह्वान पर दो दिवसीय “किसान चिंतन शिविर” का आयोजन हुआ। शिविर के पहले दिन, त्रि-स्तरीय पंचायत राज कानून की तरह, महाराष्ट्र की तर्ज पर ग्राम सभा कानून बनाने और भूमि अधिग्रहण या रजिस्ट्री द्वारा जमीन लेने पर किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट, रोजगार एवं पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने के साथ-साथ फसलों के उचित मूल्य के लिए एम.एस.पी. गारंटी कानून लागू करने के मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। इस विचार-विमर्श में देशभर से आए किसान नेताओं ने भाग लिया और अपने विचार प्रस्तुत किए।
राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता सरदार वी. एम. सिंह ने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत उचित मुआवजा, पुनर्वास और पुनर्स्थापना के सभी लाभ किसानों को देने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने गांवों के सर्किल रेट को बाजार मूल्य के अनुसार बढ़ाने की बात कही। राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह के राष्ट्रीय संयोजक दशरथ कुमार ने कहा कि ग्राम सभा कानून के निर्माण से ही वास्तविक ग्राम स्वराज की बहाली हो सकेगी। जय जवान जय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक सुनील फौजी एडवोकेट ने इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों से वार्ता और पत्राचार की जरूरत बताई। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती, तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ से आए किसान नेता पारसनाथ साहू, हरियाणा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डी. के. शर्मा, देहात मोर्चा के संजय राव, सिस्टम सुधार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अंशुमन ठाकुर, भाकियू कृषक शक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमन ठाकुर, महाराष्ट्र से पी.के. चौहान, बी.बी. ताटे, प्रकाश भड़ंगे, पंजाब से राकेश सोनी, भाकियू (महात्मा टिकैत) के अनिल तालान और बेरोजगार सभा के विजयपाल भाटी सहित अन्य किसान नेताओं ने भी अपने विचार रखे।
शिविर के दौरान, भाकियू अजगर के हरवीर नागर, नरेश चपरगढ़, भारतीय किसान सभा के डॉ. रूपेश शर्मा और बीर सिंह नेता जी, राष्ट्रीय लोक दल के नेता भूपेंद्र चौधरी, और महाराष्ट्र, एम.पी., दिल्ली से आए जितेंद्र चौधरी, राजू नंबरदार, दीपक भाटी, फिरे भाटी, संजय नेता जी, डॉ. अरविंद नागर, नरेंद्र उर्फ निंदे, देवेंद्र भाटी और धर्मवीर भाटी भी उपस्थित रहे।
शिविर के दूसरे दिन होने वाले सत्र में सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर प्रस्ताव पास करने और इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किए जाने की घोषणा की गई।