नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के नौ अधिकारियों पर गिरी निलंबन की गाज
नोएडा: तबादला होने के बावजूद भी रिलीव नहीं होने वाले नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण के 9 अधिकारियों और कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार की रात को निलंबित कर दिया है। तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। बताया जाता है कि अधिकारी स्थानांतरण के बाद भी नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइन नहीं कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक सचिव अनिल कुमार सागर की ओर से यह आदेश जारी किया गया। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बीते दिनों लखनऊ में हुई बैठक में इस तरह के कार्रवाई के संकेत दिए थे। प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार तीनों प्राधिकरण के ये अधिकारी बीते कई वर्षों से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण में जमे हुए थे। कुछ अधिकारियों का कई बार तबादला हुआ लेकिन इनको रिलीव नहीं किया गया। बताया गया कि अधिकारियों की कमी है। हालांकि औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने पिछली बैठक में इस पर चर्चा के दौरान कहा था कि अधिकारियों को तुरंत रिलीव किया जाए। इसके बावजूद भी अधिकारियों को रिलीव नहीं किया गया। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनमें नोएडा विकास प्राधिकरण के विधि अधिकारी नरदेव, निजी सचिव विजेंद्र पाल सिंह कोमार, सहायक प्रबंधक यूसुफ फारूक, सहायक विधि अधिकारी सुशील भाटी, प्रबंधक सुमित ग्रोवर, लेखाकार प्रमोद कुमार है, जबकि यमुना विकास प्राधिकरण के प्रबंधक अजब सिंह भाटी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक सुरेंद्र कुमार, प्रबंधक विजय कुमार बाजपेई शामिल हैं। नोएडा प्राधिकरण के तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। उसमें डीएम विजय रावल, वरिष्ठ प्रबंधक सत्येंद्र गिरी, सहायक प्रबंधक प्रेम कुमार शामिल हैं। इन पर भी ट्रांसफर होने के बावजूद नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइन नहीं करने का आरोप है।