ग्रेटर नोएडा के GIMS अस्पताल मेडिकल छात्रों की बेहतर शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान कार्यों के क्षेत्र में कर रहा है नए मानक स्थापित
ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान अपनी स्थापना के उद्देश्य के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है। पिछले 5 वर्षों में इस संस्थान ने मरीजों को उन्नत एवं बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संस्थान को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षणिक संस्थान और सुपर स्पेशियलिटी सेवा और अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित करना है। संस्थान के निदेशक (ब्रिगेडियर) डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि संस्थान में एम्स और एसजीपीजीआईएमएस की तर्ज पर मरीजों को उन्नत और उच्च श्रेणी के उपचार और देखभाल की सुविधाएं प्रदान करने और मेडिकल छात्रों की बेहतर शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान कार्यों के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने के लिए की गई थी। भारतीय चिकित्सा परिषद, नई दिल्ली से अनुमति के बाद 2019 से संस्थान में 100 सीटों पर एमबीबीएस पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। एनएमसी से चौथे नवीनीकरण की अनुमति के बाद, पांचवें बैच में प्रवेशित छात्रों के साथ छात्रों की संख्या 500 हो गई है। एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राज्य में एनईईटी छात्रों की पसंद में जीआईएमएस तीसरे स्थान पर है। रोगियों को समय पर और उचित उपचार सुविधाएं प्रदान करने और एमबीबीएस छात्रों के प्रशिक्षण में सहायता करने के उद्देश्य से, संस्थान ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड से अनुमति के बाद, विशेषज्ञता में एमडी/एमएस के समकक्ष स्नातकोत्तर डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू किया है। एड्स रोगियों के परीक्षण, उपचार और परामर्श के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के सहयोग से संस्थान में आईसीटीसी केंद्र खोला गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नवजात शिशुओं के लिए एसएनसीयू, गर्भवती महिलाओं के लिए हाइब्रिड एचडीयू और नवजात शिशुओं के लिए एलएमयू प्रदान करता है। मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल और उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए संस्थान को एनएबीएच मान्यता प्राप्त हुई है। संस्थान में उच्च गुणवत्ता वाली प्रयोगशाला सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और जैव रसायन प्रयोगशाला को एनएबीएल मान्यता प्रदान की गई है। जिम्स में मेडिकल इन्नोवेशन सेन्टर स्थापित किया गया है, जो पहला मेडिकल इनक्यूबेटर है, जिसमें 40 स्टार्ट अप्स काम कर रहे हैं। मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं प्रदान करने के लिए, विजिटिंग फैकल्टी को संस्थान में ओपीडी सेवाओं के लिए अनुमति दी गई है। इसके कारण कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी और ऑनकोलॉजी जैसे विशेष रोगियों के लिए सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी /आईपीडी सुविधा शुरू की गई है। जिम्स ने वर्ष 2023-24 में 37,99,75,389 रुपये का लाभ हुआ है।