शेयर ट्रेडिंग के नाम पर युवक से 14 लाख की हुई थी ठगी, ग्रेटर नोएडा पुलिस ने युवक की रकम वापस कराई, खाते में आए पूरे रुपए
ग्रेटर नोएडा में साइबर क्राइम टीम व ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक युवक से ठगी किए गए 14 लाख रुपए उसके खाते में वापस ट्रांसफर करवा दिए। पैसे मिलने के बाद युवक ने ग्रेटर नोएडा पुलिस का आभार जाता है और पुलिस को धन्यवाद कहा। युवक से कुछ दिन पहले शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 14 लाख रुपए की ठगी की गई थी।
दरसअल रबूपुरा के रहने वाले अंकित स्टॉक मार्केट का काम करते हैं और वह शेयर मार्केट में भी पैसा लगाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास व्हाट्सएप पर एक लिंक आया, जिसमें शेयर ट्रेडिंग के नाम पर पैसा लगाने की बात कही गई। लिंक के माध्यम से वह उसे ग्रुप में जुड़ गए। उस ग्रुप में काफी लोग थे और सभी लोग पैसा लगने के बाद अपना प्रॉफिट दिखा रहे थे। इसके बाद मैंने भी पैसा इन्वेस्ट कर दिया।
इन्वेस्ट करने के बाद प्रॉफिट दिखने लगा, लेकिन उन लोगों ने मेरे पैसे नहीं दिए। इस दौरान मैंने करीब 14 लाख रुपए इन्वेस्ट किया। जब इस बारे में मैंने उनसे बात की तो उन्होंने और पैसे इन्वेस्ट करने की बात कही। इसके बाद उन लोगों ने मुझे ग्रुप से रिमूव कर दिया।
इसके बाद पीड़ित अंकित ने उस ग्रुप के बारे में जानकारी की तो पता चला कि वह फ्रॉड है और काफी लोगों के साथ वह इस तरह का फ्रॉड कर चुके हैं। इसके बाद अंकित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस से की। मामले में मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस के द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गई। करीब 2 महीने बाद अंकित के 14 लाख रुपए उसके खाते में पुलिस ने वापस करा दिए।
अपर पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा को बुके भेंट कर पुलिस के कार्यों की सराहना की। अंकित ने कहा कि उसे उम्मीद नहीं थी कि उसके 14 लाख रुपए कभी वापस आ पाएंगे, लेकिन पुलिस ने इस कार्य में काफी मेहनत की। शिकायत मिलते ही पुलिस के द्वारा कार्रवाई की गई। उस लिंक से जुड़े हुए सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया और इसके बाद कार्रवाई करते हुए अमाउंट को वापस कर दिया।
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया व्यक्ति द्वारा पीड़ित को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर वहां उसको शेयर ट्रेडिंग में कम पैसै लगाकर अधिक लाभ के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद पीड़ित ने छोटा निवेश करना शुरू कर दिया। पीड़ित द्वारा कुल 14 लाख रुपए निवेश कर दिए।
इसके बाद पीड़ित द्वारा पैसे वापस लेने के लिए कहा गया तो उन्होंने पीड़ित को व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया, तब जाकर पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ। इस मामले में हमारी साइबर क्राइम टीम ने बड़ी तत्परता से कार्य किया और पीड़ित को उसके पूरी रकम वापस कर दी गई है।